Delhi Metro की बल्ले- बल्ले, रक्षाबंधन पर 77 लाख यात्रियों ने किया सफर

डीएन ब्यूरो

दिल्ली मेट्रो ने एक बार फिर से अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है। 20 अगस्त को 77 लाख से ज्यादा यात्रियों ने मेट्रो ट्रेन में सफर किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

रक्षाबंधन पर टूटा दिल्ली मेट्रो का रिकॉर्ड
रक्षाबंधन पर टूटा दिल्ली मेट्रो का रिकॉर्ड


नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली-NCR के लाखों यात्रियों (Passengers) के लिए लाइफलाइन मानी जाने वाली Delhi Metro ने एक और नया रिकॉर्ड (Record) कायम किया है। रक्षाबंधन (Rakshabandhan) के मद्देनजर डीएमआरसी (DMRC) ने राखी के त्योहार (Festival) पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए सामान्य से ज्यादा मेट्रो चलाई थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार 20 अगस्त यानी मंगलवार के दिन दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) द्वारा संचालित मेट्रो ट्रेन में सबसे ज्यादा लोगों ने यात्रा की। यह जानकारी DMRC ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर की है।

DMRC ने बताया कि 20 अगस्त के दिन दिल्ली मेट्रो की ट्रेनों में 77 लाख से ज्यादा यात्रियों ने सफर किया। इससे पहले 13 अगस्त को 72 लाख से अधिक लोगों ने दिल्ली मेट्रो में सफर किया था। एक सप्ताह में ही यात्रियों के सफर करने का रिकॉर्ड टूट गया। इस पर DMRC प्रबंधन ने खुशी जताई है।

रक्षा बंधन के अगले दिन टूटा रिकॉर्ड
दिल्ली मेट्रो के अधिकारियों ने बताया कि रक्षा बंधन का त्योहार 19 अगस्त (सोमवार) को मनाया गया, लेकिन इसके अगले दिन यानी मंगलवार को मेट्रो की ट्रेनों में 77 लाख से ज्यादा लोगों ने सफर किया। जानकार इस पर भी हैरत जता रहे हैं कि यह रिकॉर्ड तो 19 अगस्त यानी रक्षा बंधन के दिन टूट सकता था। बावजूद इसके इस रिकॉर्ड के टूटने से दिल्ली मेट्रो प्रबंधन खुश है।

DMRC के अधिकारियों के मुताबिक, रक्षा बंधन के अगले दिन यात्रियों की भीड़ के मद्देनजर सामान्य से ज्यादा मेट्रो के फेरे लगवाए गए। यही वजह है कि दिल्ली-NCR की लाइफलाइन कही जाने वाली मेट्रो ने एक और रिकॉर्ड बना डाला।

77 लाख से ज्यादा लोगों ने किया सफर
DMRC ने बताया कि दिल्ली मेट्रो के सभी रूटों पर संचालित ट्रेनों में 77 लाख 48 हजार 838 लोगों ने यात्रा की। यह नया रिकॉर्ड है। इससे पहले 13 अगस्त को दिल्ली मेट्रो में 72 लाख से अधिक लोगों ने यात्रा की थी। DMRC के मुताबिक रक्षा बंधन त्योहार पर अधिक भीड़ को देखते हुए उन्होंने मेट्रो के अधिक फेरे लगवाने पड़े थे।










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