दिल्ली उच्च न्यायालय: गैर कानूनी गिरफ्तारी और यातना पर दिल्ली पुलिस रुख स्पष्ट करे

डीएन ब्यूरो

दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को उस याचिका पर रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है जिसमें पिछले महीने हत्या के प्रयास के मामले में पकड़े गए एक व्यक्ति की कथित गैर कानूनी गिरफ्तारी, शारीरिक हमले और यातना के मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

दिल्ली पुलिस रुख स्पष्ट करे
दिल्ली पुलिस रुख स्पष्ट करे


नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस को उस याचिका पर रुख स्पष्ट करने के लिए कहा है जिसमें पिछले महीने हत्या के प्रयास के मामले में पकड़े गए एक व्यक्ति की कथित गैर कानूनी गिरफ्तारी, शारीरिक हमले और यातना के मामले में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है।

न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कथित पीड़ित की पत्नी द्वारा ‘पुलिस के कानून का उल्लंघन’ का दावा करने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि संबंधित पुलिस थाने के सीसीटीवी फुटेज सहित प्रासंगिक सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित किया जाए और रिकॉर्ड में रखा जाए।

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उनके पति को 16 नवंबर को लगभग एक बजे रात को मुफ्ती में पुलिस अधिकारियों की एक टीम द्वारा ‘गैर कानूनी’ रूप से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्होंने गिरफ्तारी वारंट, नोटिस या दस्तावेज पेश नहीं किया था।

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याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि उनके पति के साथ दुर्व्यवहार किया गया और उन्हें सार्वजनिक अपमान का शिकार होना पड़ा।

अदालत ने 12 दिसंबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘नोटिस जारी करें। अगली तारीख से पहले स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए।’’

आदेश में कहा गया, ‘‘यह निर्देशित किया जाता है कि निर्दिष्ट सभी कैमरों के सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित किया जाए और उन्हें अगली तारीख से पहले रिकॉर्ड में रखा जा सकता है।’’

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एम सूफियान सिद्दीकी ने तर्क दिया कि पुलिस अधिकारियों का आचरण याचिकाकर्ता के पति के मूल अधिकारों और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के पति नोमान 16 नवंबर, 2023 को एक मनमानी और गैर कानूनी गिरफ्तारी का शिकार हो गए। याचिकाकर्ता का आरोप है कि कमला मार्केट (सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट) के स्पेशल स्टाफ के नागरिक पोशाक पहने पुलिस अधिकारियों के एक अज्ञात समूह द्वारा यह कार्रवाई की गई।

मामले की अगली सुनवाई फरवरी में होगी।










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