

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान करने से पहले जान लीजिए कि कौन-सी पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ कितने आपराधिक मामले दर्ज हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली में विधानसभा चुनाव का दिन आ ही गया है। दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर इस बार 699 उम्मीदवार खड़े हैं। इनमें से 278 प्रत्याशी राष्ट्रीय दलों से, 29 राज्य-स्तरीय दलों से, 254 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त दलों से और 138 उम्मीदवार निर्दलीय हैं। अब आपके वोट से से तय होगा कि इनमें से कौन-सा उम्मीदवार अलगे 5 साल के लिए दिल्ली की विधानसभा सीट पर बैठेगा। आप अपना कीमती वोट का इस्तेमाल करने से पहले जान लें कि 70 सीटों पर मैदान में उतरे कितने और कौन सी पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज है और किनके पास करोड़ों की संपत्ति है।
ADR की रिपोर्ट में क्या है?
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक 699 उम्मीदवारों में से इस बार 132 यानि 19 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें से 81 उम्मीदवारों यानि 12 फीसदी के ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनपर हत्या, किडनैपिंग, बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। जिनमें से 13 उम्मीदवार महिलाओं के खिलाफ अपराधों के आरोपी हैं।
किस पार्टी पर कितने दाग?
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख दलों में सबसे ज्यादा दागी उम्मीदवार आम आदमी पार्टी के हैं। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के 63 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं तो 41 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बाद कांग्रेस का नंबर है, जिसके 41 प्रतिशत उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं तो 19 फीसदी उम्मीदवारों ने गंभीर अपराध किये हैं। वहीं भाजपा के 29 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं तो 13 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।
अमीर प्रत्याशियों का आंकड़ा
699 में से 23 उम्मीदवारों (3 फीसदी) ने अपनी संपत्ति 50 करोड़ से ज्यादा घोषित की है। भाजपा के 12 उम्मीदवारों की संपत्ति 50 करोड़ के पार। वहीं, कांग्रेस के 10 प्रत्याशी और आम आदमी पार्टी के 9 उम्मीदवारों की संपत्ति 50 करोड़ या उससे ज्यादा है।
अब आपको पता है कि कौन सी पार्टी के उम्मीदवार कितने पानी में हैं, ऐसे में आप अपना फैसला सोच समझकर लें और मतदान करें। डाइनामाइट न्यूज़ आपसे अपील करता है कि लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए अपने वोट का इस्तेमाल ज़रूर करें।