Murder Case: पुलिस ने 25 साल बाद किया इस खौफनाक हत्याकांड का खुलासा, मर्डर मिस्ट्री जानकर आप भी होंगे हैरान
दिल्ली पुलिस ने एक 25 साल पुराने हत्या के एक मामले का पर्दाफाश कर 59 साल के एक शख्स को गिरफ्तार किया है। इस हत्याकांड के आरोपी ने जो कुछ कहानी बतायी, उसने पुलिस को भी हैरान कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली से एक हैरान करने वाली घटना सामने आयी है। 59 वर्ष के अजय पर एक शख्स की हत्या करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद अजय ने खुलासा किया कि उसने अपनी प्रेमिका के लिए उसके यानी प्रेमिका के पति की हत्या की थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अजय ने पुलिस को जो कुछ बताया, उससे पुलिस भी अचंभे में पड़ गयी। आरोपी ने बताया कि उसने अपनी प्रेमिका सरोज के पति अश्विन की हत्या के बाद दोनों हिमाचल में पहचान बदल कर रह रहे थे। लेकिन कुछ समय बाद सरोज ने अजय को भी छोड़ दिया।
जानिये पूरा मामला
1 जुलाई 2000 को उत्तम नगर निवासी कृष्णा सेठी ने अपनी बहू के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सरोज के ससुर कृष्णा सेठी ने पुलिस को बताया था की उनकी बहू अपने तीनों बच्चों को छोड़कर अपने माता-पिता के घर चली गई थी, जिसके बाद उसका कुछ पता नहीं चल रहा।
अवैध संबंधों का आरोप
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कृष्णा सेठी ने सरोज और बिरहाना झज्जर (हरियाणा) निवासी अजय के बीच अवैध संबंध होने का आरोप लगाया था। साथ ही उन्होंने अजय पर उनके बेटे अश्विन को मारने का इल्जाम भी लगाया था। पुलिस ने उस समय बिरहाना से अश्विन का शव बरामद किया था। जिसके शरीर पर गोलियों के निशान थे।
पुलिस ने सरोज और अजय को बहुत तलाश किया लेकिन दोनों का कुछ भी पता नहीं चला।
इस तरह पकड़े गए शातिर अपराधी
पुलिस ने पुराने केस के फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए एक टीम बनाई। इस टीम में एएसआई रमेश, एच सी दिनेश लाकड़ा, संजीव धारा सिंह सहित कांस्टेबल विवेक थे। इन्हें 25 साल पूराने वांटेड क्रिमिनल्स को पकड़ने का काम सौंपा गया। इनकी टीम अजय दहिया के ठिकाने का पता लगाने में कामयाब रही, जो हिमाचल सीमा के काला अंबा सीमा पर पकड़ा गया। आरोपी अजय वहां सोमपाल के नाम से रह रहा था। इस टीम ने सर्विलांस की मदद ली और आरोपियों को पकड़ने में पुलिस ने ‘सहायक’ ऐप का इस्तेमाल कर उनके डेटा को ट्रैक किया गया।
कैसे हुई थी अश्विन की हत्या
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हरियाणा निवासी अजय और सरोज दोनों के प्रेम संबंध थे, लेकिन सरोज का पति उनके रास्ते का कांटा बन गया था। इसीलिए अजय ने अश्विन को बहला फुसला कर अपने गांव बुलालिया और गोली मारकर उसकी हत्या कर दी। उसके बाद सरोज और अजय हिमाचल के बद्दी चले गए और किराय के मकान में पहचान बदल कर रहने लगे।
पूछताछ में अजय ने बताया की उसे शराब की आदत लग गई थी, जिसकी वजह से अजय सरोज को पीटता था। मारपीट से तंग आकर एक दिन सरोज उसे छोड़कर गायब हो गई। सरोज के जाने के बाद अजय भी पंचकुला चला गया जहां उसकी मुलकात अन्य महिला से हुई। दोनो ने शादी कर ली। पकड़े जाने के डर से उसने अपना नाम सोमपाल रख लिया और आधार कार्ड भी बनवा लिया। इसके बाद सोमपाल अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सोनीपथ चला गए।
सोनीपत में अजय ने ऑटोरिक्शा खरीदा और ड्राइवर के रूप में काम करने लगा। लॉकडउन के बाद वह अपने परिवार के साथ काला अंबा चला गया और चाय की दुकान चलाने लगा। गिरफ्तारी के समय अजय अपने परिवार के साथ रह रहे था लेकिन सरोज अभी तक फरार है।