सीमा शुल्क विभाग ने समुद्र तटों से भारी मात्री में जब्त की हशीश, जानिये पूरे एक्शन के बारे में
सीमा शुल्क विभाग ने छह दिनों में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के सात समुद्र तटों पर 250 किलोग्राम से अधिक हशीश जब्त की है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
मुंबई: सीमा शुल्क विभाग ने छह दिनों में महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के सात समुद्र तटों पर 250 किलोग्राम से अधिक हशीश जब्त की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारी ने बताया कि 14 अगस्त से 19 अगस्त के बीच जिले के कार्डे, लाडघर, केल्शी, कोलथारे, मुरुड, बुरुंडी और बोर्या समुद्र तटों और दाभोल खाड़ी से प्रतिबंधित मादक पदार्थ जब्त किये गये।
उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क विभाग को संदेह है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आया प्रतिबंधित सामान या तो गिर गया था या तस्करी के उद्देश्य से विदेशी जहाजों द्वारा फेंक दिया गया था।
यह भी पढ़ें |
Road Accident: रत्नागिरी जिले में ट्रक और तिपहिया वाहन की भीषण टक्कर, आठ लोगों की मौत, सात घायल
अधिकारी ने बताया कि दापोली सीमा शुल्क प्रभाग के अधिकारी 14 अगस्त को कराडे समुद्र तट पर गश्त कर रहे थे, इसी दौरान उन्होंने 10 संदिग्ध पैकेट बरामद किये। इनका कुल वजन लगभग 12 किलोग्राम था और एक परीक्षण में इसकी पुष्टि हुई कि यह सामग्री हशीश थी।
उन्होंने कहा, ‘‘इसी तरह 15 अगस्त को कार्डे और लाडघर समुद्र तटों के बीच 35 किलोग्राम प्रतिबंधित मादक पदार्थ बरामद किया गया और अगले दिन केल्शी से 25 किलोग्राम तथा कोलथारे से 13 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया।
अधिकारी ने कहा कि 17 अगस्त को मुरुड में 14 किलोग्राम से अधिक, बुरोंडी और दाभोल क्रीक के बीच 101 किलोग्राम, जबकि बोर्या समुद्र तट से 22 किलोग्राम से अधिक प्रतिबंधित मादक पदार्थ जब्त किया गया था।
यह भी पढ़ें |
बारसू रिफाइनरी परियोजना का विरोध कर रहे ग्रामीणों की शरद पवार से मुलाकात, जानिये पूरा अपडेट
दापोली सीमा शुल्क के सहायक आयुक्त श्रीकांत कुडालकर ने कहा, ‘‘हमने पिछले सोमवार से शनिवार तक छह दिनों में सात समुद्र तटों से 250 किलोग्राम से अधिक प्रतिबंधित सामग्री बरामद की है और हमारा तलाशी अभियान अब भी जारी है।’’
कुडालकर ने तट के किनारे रहने वाले लोगों से अपील की कि अगर उन्हें कोई ऐसा बैग मिले, जिसमें नशीली दवाएं हों तो वे विभाग से संपर्क करें।
अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर किसी के पास से ऐसे मादक पदार्थ पाये जाते हैं, तो उनके खिलाफ स्वापक औषधि एवं मन:प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।’’