Cricket: टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को नहीं थी ये उम्मीद, इस तरह किया विराट कोहली का बचाव

डीएन ब्यूरो

भारत के कप्तान रोहित शर्मा को उम्मीद नहीं थी कि केनसिंगटन ओवल का विकेट इतना खराब हो जाएगा लेकिन उन्होंने यहां पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में अपने और विराट कोहली से पूर्व एकदिवसीय विशेषज्ञों को मौका देने के अपने फैसले का बचाव किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

भारत के कप्तान रोहित शर्मा
भारत के कप्तान रोहित शर्मा


ब्रिजटाउन: भारत के कप्तान रोहित शर्मा को उम्मीद नहीं थी कि केनसिंगटन ओवल का विकेट इतना खराब हो जाएगा लेकिन उन्होंने  यहां पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच में अपने और विराट कोहली से पूर्व एकदिवसीय विशेषज्ञों को मौका देने के अपने फैसले का बचाव किया।

भारत ने वेस्टइंडीज को पांच विकेट से हराया। मैच में स्पिनरों का दबदबा रहा जिन्होंने कुल 15 विकेट में से 10 चटकाए। स्पिन की अनुकूल इस पिच पर काफी उछाल भी देखने को मिला।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रोहित ने मैच के बाद पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि पिच इस तरह खेलेगी, टीम की जरूरत थी कि पहले गेंदबाजी की जाए। पिच में तेज गेंदबाजों और स्पिनरों के लिए सब कुछ था, हमारे खिलाड़ियों ने उन्हें उस स्कोर तक सीमित रखकर अच्छा प्रदर्शन किया।’’

कप्तान खुद सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आए और उन्होंने कहा कि इससे उन्हें पुरानी यादों में खो जाने का मौका मिला जब वह नए खिलाड़ी के तौर पर इस नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते थे।

रोहित ने कहा, ‘‘मैंने भारत के लिए पदार्पण किया और सातवें नंबर पर बल्लेबाजी कर रहा था, मुझे उन दिनों की याद आ गई।’’

यह सूर्यकुमार यादव जैसे सफेद गेंद के विशेषज्ञों को खेलने का मौका देने का कदम था।

रोहित ने कहा, ‘‘हम वनडे के लिए आए खिलाड़ियों को खेलने का समय देना चाहते थे, जब भी संभव होगा हम इन चीजों को आजमाते रहेंगे। उन्हें 115 रन तक सीमित रखने के बाद हम जानते थे कि हम इन खिलाड़ियों को आजमा सकते हैं और उन्हें मौका दे सकते हैं।’’ सूर्यकुमार को नंबर तीन पर और हार्दिक पंड्या को नंबर चार पर भेजने के कदम का बचाव करते हुए रोहित ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि उन्हें इस तरह के ज्यादा मौके मिलेंगे।’’

उन्होंने नवोदित तेज गेंदबाज मुकेश कुमार की भी प्रशंसा की, जिन्होंने अपने पहले ही टेस्ट मैच में सभी को प्रभावित किया ।

रोहित ने कहा, ‘‘मुकेश शानदार थे, वह गेंद को अच्छी गति से स्विंग करा सकते हैं। घरेलू क्रिकेट में उन्हें ज्यादा नहीं देखा है। हालात चाहे जो भी हों, हमें उन्हें रोकने के लिए सही क्षेत्रों में गेंदबाजी करने की जरूरत है और मैं मुझे लगा कि हमारे गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया। और फिर इशान ने बल्ले से अच्छा किया।’’

बाएं हाथ के चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव ने सिर्फ छह रन देकर चार जबकि बाएं हाथ के ही स्पिनर जडेजा ने 37 रन देकर तीन विकेट चटकाए जिससे वेस्टइंडीज की टीम सिर्फ 23 ओवर में 114 रन पर सिमट गई। शारदुल ठाकुर (14 रन पर एक विकेट), हार्दिक पंड्या (17 रन पर एक विकेट) और मुकेश कुमार (22 रन पर एक विकेट) ने भी एक-एक विकेट चटकाया।

इसके जवाब में भारत ने इशान (46 गेंद में 52 रन, सात चौके, एक छक्का) के अर्धशतक से 22.5 ओवर में ही पांच विकेट पर 118 रन बनाकर आसान जीत दर्ज की।

वेस्टइंडीज के कप्तान शाई होप ने स्वीकार किया कि उनकी टीम उस तरह नहीं खेली जिस तरह से खेलना चाहिए था।

उन्होंने कहा, ‘‘बस इतना कहें कि हमने उस तरह से नहीं खेला जैसा हमें खेलना चाहिए था। एक चुनौतीपूर्ण पिच पर, हमें रन बनाने के तरीके ढूंढने की जरूरत थी। मैं कोई बहाना नहीं बना रहा हूं लेकिन क्रिकेट देखने वाला कोई भी व्यक्ति देख सकता है कि यहां क्या हो रहा है। लेकिन हमें रन बनाने के तरीके खोजने होंगे।’’

छह रन पर चार विकेट चटकाकर ‘मैन ऑफ द मैच’ बने कुलदीप ने कहा कि सभी गेंदबाजों ने अच्छा प्रदर्शन किया।

कुलदीप ने कहा, ‘‘परफेक्ट। हमने तेज गेंदबाजों के साथ शुरुआत की। मुकेश, पदार्पण कर रहे हैं। शारदुल और हार्दिक ने भी विकेट लिए। मैं और जडेजा, हमने शानदार प्रदर्शन किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ विकेट लेने से ज्यादा महत्वपूर्ण लेंथ पर ध्यान देना है। लोग कहते हैं कि यह तेज गेंदबाजों का स्वर्ग है और मुझे खुशी है कि (स्पिनरों ने) हमारी तरफ से सात विकेट लिए और उनके स्पिनरों ने भी कुछ विकेट लिए। गेंद थोड़ी स्पिन हो रही थी और उछाल भी मिल रहा था। प्रतिस्पर्धा होना हमेशा अच्छा होता है, लेकिन मैं और (युजवेंद्र) चहल प्रतिस्पर्धा के बारे में नहीं सोचते हैं और सिर्फ एक-दूसरे के साथ काम करते हैं। जब आपके पास मदद के लिए चहल जैसे सीनियर होते हैं तो इससे आपको बहुत आत्मविश्वास मिलता है। हम पांच या छह साल से एक साथ खेल रहे हैं, उन्होंने काफी मदद की है। कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है, हम बस एक-दूसरे का साथ देते हैं।’’










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