एशियाई खेलों के लिए भारत की तैयारी और खिताबी जीत पर क्रेग फुल्टन का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने कहा कि ऐसे समय में जबकि भारत की निगाहें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए स्वत: क्वालीफाई करने पर टिकी हैं, तब एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (एसीटी) की खिताबी जीत वास्तव में मायने रखेगी। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन


चेन्नई: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने कहा कि ऐसे समय में जबकि भारत की निगाहें एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए स्वत: क्वालीफाई करने पर टिकी हैं, तब एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी (एसीटी) की खिताबी जीत वास्तव में मायने रखेगी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार भारतीय हॉकी टीम ने  यहां दो गोल से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करके मलेशिया को 4-3 से हराकर रिकॉर्ड चौथी बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता।

अब जबकि 23 सितंबर से हांगझोउ में एशियाई खेल शुरू हो रहे हैं तब फुल्टन से पूछा गया कि क्या इस तरह के रोमांचक फाइनल से भारतीय टीम को महाद्वीपीय प्रतियोगिता में मदद मिलेगी।

फुल्टन ने कहा,‘‘फाइनल हमेशा अजीब होते हैं। वह कभी आसान नहीं होते। यह मैच भी शूटआउट तक जा सकता था। इस तरह के रोमांचक मैच का होना महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वास्तव में यह मायने रखते हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘ इसके साथ ही मैं यह भी कहना चाहूंगा कि यह ( एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी) एशियाई खेल नहीं हैं, इसलिए हमें अति उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर आप मुझसे पूछोगे कि एशियाई खेलों में जीत दर्ज करो और इस फाइनल को हार जाओ, तो मैं निश्चित तौर पर एशियाई खेलों की जीत को चुनूंगा। ’’

भारत फाइनल में मध्यांतर तक 1-3 से पीछे चल रहा था लेकिन उसने दूसरे हाफ में शानदार वापसी की। भारत ने सेमीफाइनल में जापान हो 5-0 से करारी शिकस्त देकर फाइनल में जगह बनाई थी।

फुल्टन ने कहा,‘‘ मलेशिया के खिलाफ मैच वास्तव में शानदार रहा। इससे पहले जापान के खिलाफ मैच भी उच्च स्तर का रहा था। मलेशिया ने पहले हाफ में शानदार खेल दिखाया। हम भी बुरा नहीं खेले लेकिन हम शत प्रतिशत प्रतिबद्ध नहीं दिखे जैसा कि हम चाहते थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमने मध्यांतर के बाद खुद को संगठित किया। हमें केवल वापसी के लिए एक गोल की जरूरत थी। इसके बाद हम किसी भी समय बराबरी का गोल और उसके बाद निर्णायक गोल कर सकते थे। जिस तरह से टीम ने दो गोल से पिछड़ने के बाद वापसी की उससे उसके जज्बे का पता चलता है।’’










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