कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी से किया ये खास, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि देश में हर10 साल पर होने वाली जनगणना को कराया जाए और व्यापक जाति आधारित जनगणना को इसका अभिन्न हिस्सा बनाया जाए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे


नयी दिल्ली:  कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया है कि देश में हर10 साल पर होने वाली जनगणना को कराया जाए और व्यापक जाति आधारित जनगणना को इसका अभिन्न हिस्सा बनाया जाए।

उन्होंने यह आग्रह ऐसे वक्त में किया है, जब कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री मोदी को 2011 की जनगणना के जातिगत आंकड़े सार्वजनिक करने की चुनौती दी और आरक्षण पर से 50 फीसदी की सीमा हटाने की मांग की।

खरगे ने 16 अप्रैल की तारीख वाले इस पत्र में प्रधानमंत्री से कहा है, ‘‘मैं एक बार फिर जाति आधारित नवीनतम जनगणना कराने का आग्रह करता हूं। मेरे सहयोगी और मैंने संसद के दोनों सदनों में कई बार यह मांग उठाई है। अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मांग को रखा है।’’

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उनका कहना था, ‘‘आप जानते हैं कि संप्रग सरकार ने पहली बार 2011-12 के दौरान करीब 25 करोड़ परिवारों को कवर करते हुए सामाजिक, आर्थिक और जाति जनगणना कराई थी। मई, 2014 में आपकी सरकार आने के बाद कांग्रेस और अन्य सांसदों ने इसे जारी करने की मांग की, लेकिन कई कारणों से जातिगत आंकड़े जारी नहीं किए गए।’’

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार  कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मुझे आशंका है कि नवीनतम जाति जनगणना के अभाव में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण कार्यक्रमों विशेष रूप से ओबीसी के उत्थान के लिए बेहद आवश्यक डाटा बेस अधूरा है। यह जनगणना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।’’

उन्होंने आग्रह किया कि जनगणना जल्द कराई जाए और जाति आधारित जनगणना को इसका हिस्सा बनाया जाए।

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कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘जितनी आबादी, उतना हक़! कांग्रेस अध्यक्ष खरगे जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि 2021 की जनगणना जल्द से जल्द कराई जाए। साथ ही जाति जनगणना को इसका अभिन्न अंग बनाया जाना चाहिए। इससे सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण को मजबूती मिलेगी।’’

उल्लेखनीय है कि 2021 में प्रस्तावित जनगणना कोरोना वायरस महामारी के कारण नहीं हो सकी थी।










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