Uttarakhand: उत्तराखंड के धारचूला में बादल फटने से मची तबाही, दो लोगों की मौत, 7 मलबे में दबे, कई मकान ध्वस्त
उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ की धारचूला तहसील और वहां से सटे नेपाल के गांव में एक साथ बादल फटने से भारी तबाही मची है। यहां कई मकान ध्वस्त हो गये। अब तक दो लोगों की मौत की खबर सामने आयी है जबकि कुछ लापता बताये जा रहे हैं। पूरी रिपोर्ट
पिथौरागढ़/देहरादून: उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के धारचूला में बादल फटने से भारी तबाही की खबर है। धारचूला के अलावा यहां से सटे नेपाल के गांव में भी बादल फटने की घटना हुई है। पिथौरागढ़ जनपद में धारचूला तहसील में स्थित जुम्मा गांव में बादल फटने से अब तक दो लोगों की मौत की खबरें सामने आयी है। 7 लोग मलबे में दब गये है। मलबे में दबने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है। बादल फटने की दोनों घटनाओं में प्रभावितों और हताहत होने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। घटना में कई मकानों के क्षतिग्रस्त होने की भी खबरें है।
घटना की सूचना मिलते ही घटनास्थल के लिए राहत सामग्री को पहुंचाया जा रहा है। SDRF, SSB की टीमों को वहां राहत और बचाव कार्यों के लिये भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ डॉ. आशीष चौहान से फोन पर बात कर धारचूला तहसील के जुम्मा गांव में भारी वर्षा से हुए नुकसान की जानकारी ली। उन्होंने प्रभावितों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने एवं घायलों का समुचित उपचार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
जानकारी के मुताबिक धारचूला तहसील से 12 किमी दूर कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग से लगे जुम्मा गांव का संपर्क शेष जगत से कट गया है। सर्वाधिक तबाही इसी गांव में मची है। गांव के कुछ लोग लापता बताए जा रहे हैं, जिनके मलबे में दबे होने की आशंका जतायी जा रही है। जबकि कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। रात को हुई बादल फटने की घटना के बाद गांव से भागकर ग्रामीणों ने सुरक्षित जगह पर पनाह ली। हाइवे सहित सभी पैदल मार्ग बंद होने से गांव तक पहुंचना मुश्किल हो गया है।
जिलाधिकारी श्री चौहान ने अवगत कराया कि क्षेत्र में सड़क मार्ग अवरुद्ध होने के कारण रेस्क्यू कार्य हैलीकॉप्टर से कराए जाने के लिये क्षेत्र में हैलीपैड तैयार किया जा रहा है। राजस्व, एसएसबी, पुलिस, एसडीआरएफ तथा रेस्क्यू टीम रवाना हो गई है।