काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों के दो गुटों में झड़प, पुलिस ने किया बल प्रयोग

डीएन ब्यूरो

वाराणसी : काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के आईआईटी की छात्रा के साथ हुई छेड़खानी की घटना के बाद छात्राओं की सुरक्षा और परिसर में दीवार खड़ी करने के विरोध में हो रहे आंदोलन के दौरान रविवार को विश्वविद्यालय के गेट पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) और ऑल इंडिया स्टूडेंड एसोसिएशन और भगत सिंह छात्र मोर्चा (बीएसएम) के सदस्यों के बीच झड़प हो गयी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों में झड़प
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संगठनों में झड़प


वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के आईआईटी की छात्रा के साथ हुई छेड़खानी की घटना के बाद छात्राओं की सुरक्षा और परिसर में दीवार खड़ी करने के विरोध में हो रहे आंदोलन के दौरान रविवार को विश्वविद्यालय के गेट पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) और ऑल इंडिया स्टूडेंड एसोसिएशन और भगत सिंह छात्र मोर्चा (बीएसएम) के सदस्यों के बीच झड़प हो गयी। पुलिस ने यह जानकारी दी।

लंका थाने के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) शिवाकांत मिश्रा ने बताया कि आन्दोल के दौरान नारे लगाने और पुतला फूंकने को लेकर अभाविप और ऑल इंडिया स्टूडेंड एसोसिएशन (आइसा) के छात्रों के बीच झड़प हो गयी।

उन्होंने कहा कि पुलिस ने आवश्यक बल प्रयोग कर दोनों दलों के छात्रों को अलग किया।

इस बीच अभाविप ने एक बयान जारी कर दावा किया कि आइसा और बीएसएम के गुंडों द्वारा किये गये हमले में अभाविप की कार्यकर्ता अदिति और मेघा घायल हो गयीं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अभाविप ने दोनों छात्राओं की तस्वीर भी जारी की जिसमें एक के पैर तथा एक के हाथ में प्लास्टर लगा दिख रहा है।

छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से आईआईटी और बीएचयू के बीच दीवार खड़ी किये जाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। इस सिलसिले में दो नवंबर को रजिस्ट्रार की ओर से छात्रों के नाम एक नोटिस जारी कर परिसर को बांटने की बात कही गयी थी।

अभाविप के बीएचयू इकाई अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने कहा कि अभाविप काशी हिन्दू विश्वविद्यालय इकाई के कार्यकर्ता आई आई टी -बीएचयू प्रकरण में पीड़ित छात्रा को न्याय दिलाने तथा विश्वविद्यालय प्रशासन के परिसर विभाजन नीति के विरुद्ध अन्य छात्रों के साथ आंदोलनरत हैं।

उन्होंने कहा कि अभाविप तथा अन्य छात्रों के आंदोलन से विश्वविद्यालय प्रशासन बैकफुट पर आता दिखाई पड़ रहा था। उन्होंने दावा किया कि विश्वविद्यालय में अन्य छात्र भी आंदोलन कर रहे थे जिसमें आज दोपहर ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन तथा भगत सिंह छात्र मोर्चा के कुछ लोगों ने इस आंदोलन को दबाने का प्रयास किया। सिंह ने आरोप लगाया कि आइसा और बीएसएम के सदस्यों ने आज 'हिंदुत्व' खिलाफ नारे लगाए तथा छात्रों द्वारा विरोध करने पर मारपीट की है। उन्होंने कहा, “मारपीट में कई छात्राएं भी घायल हुई जिनका हमने मेडिकल भी कराया है।”

वहीं, भगत सिंह छात्र मोर्चा के सदस्य छात्र अनुपम ने दावा किया, “ हम छेड़खानी की शिकार छात्रा को न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्षरत हैं। आज जब हम सब छात्र विश्वविद्यालय के गेट पर घटना की जिम्मेदार सरकार और कुलपति का पुतला फूंकना चाहा रहे थे, तब पुलिस ने हमसे पुतला छीन लिया। तभी वहां मौजूद अभाविप के छात्रों ने गाली गलौज के साथ ही मारपीट शुरू कर दी।”

आईआईटी की एक छात्रा ने लंका थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि बुधवार रात वह अपने आईआईटी छात्रावास से निकली थी और कुछ ही दूरी पर उसका एक दोस्त उसे मिल गया तथा दोनों कर्मन बाबा के मंदिर के पास पहुंचे तभी एक बाइक पर सवार तीन लोगों ने उन्हें रोक लिया।

पीड़िता ने बताया कि बदमाशों ने उसे उसके दोस्त से अलग कर दिया और फिर उसका मुंह दबा कर उसे कोने में ले गए और उसे निर्वस्त्र कर वीडियो बनाया और फोटो खींचे।

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि बदमाशों ने करीब 15 मिनट तक उसे बंधक बनाए रखा और फिर वे उसका मोबाइल नम्बर लेकर भाग गये। इस मामले में लंका पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी।










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