केरल के मुख्यमंत्री के क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल हुए गिरजाघर के प्रतिनिधि

डीएन ब्यूरो

बिशपों पर को लेकर जारी विवाद के बीच केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) और अन्य ईसाई समूहों के प्रतिनिधि तिरुवनंतपुरम में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा आयोजित क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल हुए। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल हुए गिरजाघर के प्रतिनिधि
क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल हुए गिरजाघर के प्रतिनिधि


तिरुवनंतपुरम:  बिशपों पर की गई केरल के मंत्री साजी चेरियन की टिप्पणी को लेकर जारी विवाद के बीच केरल कैथोलिक बिशप काउंसिल (केसीबीसी) और अन्य ईसाई समूहों के प्रतिनिधि तिरुवनंतपुरम में मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा आयोजित क्रिसमस कार्यक्रम में शामिल हुए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक  केसीबीसी के अध्यक्ष कार्डिनल बेसिलियोस क्लेमिस भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। केसीबीसी दक्षिणी राज्यों में कैथोलिक बिशपों की सर्वोच्च संस्था है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हालिया क्रिसमस कार्यक्रम में भाग लेने वाले बिशपों पर राज्य के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री साजी चेरियन ने विवादित टिप्पणी की थी, जिसका केसीबीसी ने विरोध किया था। इसलिए बुधवार को मुख्यमंत्री के यहां हुए क्रिसमस कार्यक्रम में ईसाई पादरियों का शामिल होना काफी महत्व रखता है।

केसीबीसी ने राज्य सरकार के साथ माफी जारी होने तक असहयोग की घोषणा कर दी थी, जिसके बाद मंत्री चेरियन ने अपना विवादास्पद बयान वापस ले लिया था।

विभिन्न गिरजाघर समूहों की आलोचना के बाद सांस्कृतिक मामलों के मंत्री और वरिष्ठ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने मंगलवार को घोषणा की ‘‘केक और वाइन से संबंधित अपने भाषण के विवादास्पद अंशों को वह वापस ले रहे हैं।’’

हालांकि, मंत्री ने नयी दिल्ली में प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी के आवास पर बिशप की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान मणिपुर और देश के अन्य हिस्सों में ईसाइयों को निशाना बनाने वाली हिंसा के संबंध में बिशपों की कथित चुप्पी पर अपना रुख बरकरार रखा।

मंत्री ने कहा था कि बिशप ने जब प्रधानमंत्री के क्रिसमस कार्यक्रम में हिस्सा लिया तो मणिपुर में मुख्य रूप से ईसाई कुकी-जो समुदाय के खिलाफ हिंसा के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में चर्च और ईसाइयों पर हमलों का मुद्दा नहीं उठाया।

चेरियन ने कहा था कि कार्यक्रम में भाग लेने वाले बिशप ने मणिपुर में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा के मुद्दे को संबोधित करने के बजाय ‘‘शराब और केक का आनंद लेने’’ को प्राथमिकता दी। उनके बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कैथोलिक चर्च के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों को इस तरह के बयान देने से बचना चाहिए।

 










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