चीनी नागिरक वीजा मामला: कार्ति चिदंबरम ने ईडी की जांच को बेतुका बताया

डीएन ब्यूरो

कांग्रेस नेता एवं सांसद कार्ति चिदंबरम ने 2011 में कुछ चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़े धनशोधन के मामले में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी ताजा समन के संबंध में शनिवार को पेश होने से छूट मांगते हुए जांच को बेतुका बताया और कहा कि उन्हें दस्तावेज एकत्र करने के लिए समय चाहिए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कांग्रेस नेता एवं सांसद कार्ति चिदंबरम
कांग्रेस नेता एवं सांसद कार्ति चिदंबरम


नयी दिल्ली: कांग्रेस नेता एवं सांसद कार्ति चिदंबरम ने 2011 में कुछ चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़े धनशोधन के मामले में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी ताजा समन के संबंध में शनिवार को पेश होने से छूट मांगते हुए जांच को बेतुका बताया और कहा कि उन्हें दस्तावेज एकत्र करने के लिए समय चाहिए।

इससे पहले संघीय एजेंसी ने तमिलनाडु की शिवमोगा सीट से 52 वर्षीय सांसद को दिल्ली में 12 दिसंबर को मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा था। सांसद ने संसद सत्र में व्यस्त होने को जांच अधिकारी के समक्ष पेश नहीं होने का कारण बताया था। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें 16 दिसंबर को पेश होने को कहा।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीई) की प्राथमिकी के अनुसार, वेदांता समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड (टीएसपीएल) के एक शीर्ष अधिकारी ने कार्ति और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कररमन को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये दिए थे। प्रवर्तन निदेशालय का 2022 का यह मामला इन्हीं आरोपों से जुड़ा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कार्ति ने अपने वकील के माध्यम से मामले के जांच अधिकारी को अपना चुनावी हलफनामा, आयकर रिटर्न, बैंक खातों और अचल संपत्ति का विवरण संलग्न करते हुए लगभग 100 पन्नों का जवाब भेजा है और उन्होंने शनिवार को पेश होने से छूट और एजेंसी द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज एकत्र करने के लिए समय मांगा है।

अभी यह पता नहीं चल पाया है कि ईडी ने उनके अनुरोध पर विचार किया है या नहीं।

कार्ति के वकील ने कहा कि वह एजेंसी के सामने पेश होने और जांच में सहयोग करने के इच्छुक हैं।

उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय से कहा कि ताजा समन से सांसद के खिलाफ लगाए गए आरोपों का खुलासा नहीं होता है और यह भी पता नहीं चलता है कि उन्हें मामले में आरोपी के तौर पर बुलाया गया है या गवाह के तौर पर।

सांसद ने पत्र में कहा कि उनसे मांगी गई जानकारी और दस्तावेज कुछ और नहीं बल्कि ‘‘बेतुकी’’ जांच है और इस जांच में उनके और उनके परिवार के सदस्यों के व्यक्तिगत वित्तीय मामलों को शामिल करने का कोई कारण नहीं है।

कार्ति ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया कि ‘‘जांच में सहयोग करने की भावना’’ के तहत उन्होंने अतीत में मांगे गए दस्तावेज और रिकॉर्ड एजेंसी को पहले ही सौंप दिए हैं, जबकि उनके वित्तीय मामलों से संबंधित जानकारी उनके चुनावी हलफनामे के माध्यम से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है।

सांसद ने कहा कि उन्होंने 2018-2019 के बीच आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल-मैक्सिस मामले में प्रवर्तन निदेशालय को ये दस्तावेज 19 बार सौंपे हैं।

कार्ति ने दावा किया कि उनके खिलाफ ताजा समन ‘‘मशीनी ढंग से’’ जारी किया गया, इसके बावजूद उन्हें दस्तावेजों को फिर से जमा करने के लिए समय की आवश्यकता होगी क्योंकि उनकी संख्या अधिक है और वे (दस्तावेज) उनके चेन्नई स्थित कार्यालय और आवास में हैं, जबकि वह ‘‘संसद के शीतकालीन सत्र’’ के लिए दिल्ली में हैं।










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