Go First: संकट में फंसी गो फर्स्ट के CEO ने कर्मचारियों को दिलाया ये भरोसा, तीन दिन के लिये उड़ाने निलंबित
गो फर्स्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कौशिक खोना ने कर्मचारियों से कहा है कि प्रैट एंड व्हिटनी इंजन में बार-बार आने वाली दिक्कतों की वजह से आज एयरलाइन के समक्ष यह संकट पैदा हुआ है। उन्होंने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि एयरलाइन इस स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है और उनको लेकर चिंतित है।
मुंबई: गो फर्स्ट के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) कौशिक खोना ने कर्मचारियों से कहा है कि प्रैट एंड व्हिटनी इंजन में बार-बार आने वाली दिक्कतों की वजह से आज एयरलाइन के समक्ष यह संकट पैदा हुआ है। उन्होंने कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि एयरलाइन इस स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है और उनको लेकर चिंतित है।
किफायती सेवाएं देने वाली एयरलाइन गो फर्स्ट ने स्वैच्छिक दिवाला कार्यवाही के लिए भी आवेदन दायर किया है। नकदी संकट की वजह से एयरलाइन ने बुधवार से तीन दिन के लिए अपनी उड़ानें निलंबित करने की घोषणा की है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मंगलवार देर रात कर्मचारियों को भेजे संदेश में खोना ने कहा कि प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) द्वारा इंजन की आपूर्ति करने में विफल रहने से गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
उन्होंने कहा कि एयरलाइन प्रबंधन 12 से अधिक माह से पीएंडडब्ल्यू को अतिरिक्त इंजन उपलब्ध कराने और उनकी मरम्मत के लिए भरोसा दिलाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद पीएंडडब्ल्यू बातचीत को बाधित कर रही है।
खोना ने कहा कि ऐसे में एयरलाइन ने इस मामले में सिंगापुर में आपात मध्यस्थता के लिए कदम उठाया है।
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उन्होंने बताया कि मध्यस्थ ने पीएंडडब्ल्यू को 27 अप्रैल तक कम से कम 10 सेवा योग्य अतिरिक्त इंजन पट्टे पर देने को कहा है। इसके अलावा दिसंबर, 2023 तक 10 और अतिरिक्त इंजन पट्टे पर देने का आदेश पीएंडडब्ल्यू को दिया गया है।
खोना ने संदेश में कहा, ‘‘इसके साथ ही अगस्त/सितंबर, 2023 तक एयरलाइन के सभी ए320 नियो विमान परिचालन में होते... दुर्भाग्य से, प्रैट एंड व्हिटनी ने आपात मध्यस्थता आदेश का अनुपालन नहीं करने का विकल्प चुना है।’’
उन्होंने कहा कि इसके बाद एयरलाइन ने एक बार फिर मध्यस्थ से संपर्क किया जिसने अपने आदेश का फिर से अनुपालन करने को कहा है। हालांकि, पीएंडडब्ल्यू इसके बावजूद इस आदेश को मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में एयरलाइन ने अमेरिका की अदालत में प्रवर्तन कार्रवाई के लिए अपील की है।
इंजन के मुद्दे की वजह से एयरलाइन के आधे से ज्यादा विमान खड़े हैं।
खोना ने कहा कि बेड़े का आकार घटने के साथ एयरलाइन पट्टे पर विमान देने वालों के भुगतान के लिए राजस्व नहीं जुटा पा रही है। वहीं पट्टेदार एयरलाइन के खिलाफ जबरिया कार्रवाई कर रहे हैं। वे अपने विमान वापस मांग रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि इस स्थिति में एयरलाइन के पास स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इसका मकसद प्रभावी कदमों के जरिये कंपनी को परिचालन में बरकरार रखना है।
सीईओ ने कर्मचारियों को ‘गो गेटर्स’ के रूप में संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हम आपको भरोसा दिलाना चाहते हैं कि इस स्थिति से निपटने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहे हैं। हम सभी कर्मचारियों को लेकर चिंतित हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि एक बार अंतरिम राहत के लिए आईबीसी की धारा 10 के तहत आवेदन पर विचार के बाद हम कार्रवाई योजना के बारे में अवगत कराने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे। जैसे ही हमें राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से आदेश मिलेगा हम इसकी जानकारी देंगे।
दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) की धारा 10 स्वैच्छिक दिवाला समाधान प्रक्रिया से संबंधित है।