बृजमनगंज बाजार में छठ पर रही बहार, दुकानों पर जमकर हुई इन चीजों की खरीददारी

डीएन संवाददाता

महराजगंज जिले के बृजमनगंज बाजार में इस बार छठ के अवसर पर बाजार में कारोबार अच्छा हुआ है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

छठ पूजा पर बढ़ा कारोबार
छठ पूजा पर बढ़ा कारोबार


बृजमनगंज: महराजगंज जिले के बृजमनगंज बाजार में इस बार छठ के अवसर पर बाजार में कारोबार अच्छा हुआ है। छठ से जुड़े सभी सामग्रियों की बिक्री ने नया रिकॉर्ड बनाया है। कपड़ों से लेकर फल, सूप-दउरा और पीतल के बर्तनों की बिक्री खूब हुई।

मंगलवार तक बाजार के आंकड़ों के अनुसार कस्बे के बाजार से अच्छा खासा कारोबार हुआ है। कस्बे के व्यवसायियों को भी उम्मीद नहीं थी कि छठ के बाजार का इस बार इतना अधिक ग्रोथ होगा।

बिक्री से खुश दुकानदार

बृजमनगंज मुख्य बाजार के दुकानदारों का कहना है कि हर साल छठ करने वाली व्रतियों की संख्या बढ़ जाती है। इसके अलावा कुछ लोग दूसरे व्रतियों से अपना छठ कराते हैं, इसके लिए वे भी सामान की खरीदारी करते हैं। इस कारण इस बार का बाजार काफी ग्रोथ पर था।

छठ का प्रसाद बनाने के लिए आटा, मैदा, रिफाइन और घी की बिक्री भी इस बार काफी हुई है।

घी की जमकर बिक्री 

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दुकानदारों का कहना है कि अलग-अलग शहरों से मंगाए गए पीतल के सूप की बिक्री खूब हुई। इसके अलावा घी की भी जबरदस्त बिक्री हुई। बृजमनगंज, कोल्हुई, फरेंदा, तथा धानी बाजार में पिछले तीन दिनों से घी की जमकर बिक्री हो रही है। पीतल का सूप भी इस बार छठ व्रतियों की पसंद बनी। इसके साथ लकड़ी से बने सूपों की भी खासी लोकप्रियता है। 

पीतल की थाली 

इसके अलावा पीतल की थाली की भी अच्छी बिक्री हुई। बाजार समिति से केला और सेब की डिमांड लगातार बनी हुई है। फल मंडी के दुकानदारों का कहना है कि इस बार फलों का कारोबार 20 फीसदी ग्रोथ पर रहने की संभावना है।

विभिन्न सामग्रियों का कारोबार

इसके अलावा कपड़ा, सूप-दउरा, मिट्टी का चूल्हा, फल, पीतल का बर्तन, लहठी, घी, रिफाइन, गुड़, चीनी, गन्ना नारियल से लेकर विभिन्न सामग्रियों का कारोबार भी तेज़ रहा।

छठ पूजा का महत्त्व 

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छठ पूजा एक प्राचीन हिंदू त्योहार है। बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के दक्षिणी भागों में छठ पूजा विशेष रूप से मनाई जाती है। विदेशों में बसे भारतीय भी छठ पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाते है। छठ पूजा, देवी प्रकृति के छठे रूप और भगवान सूर्य की बहन छठी मैया को त्योहार की देवी के रूप में पूजा जाता है।

यह हिंदू कैलेंडर विक्रम संवत में कार्तिक के चंद्र महीने के छठे दिन और दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाता है। छठ पूजा सूर्य देवता सूर्य को समर्पित है। बिहार और आसपास के क्षेत्रों के लोगों के लिए छठ पूजा को महापर्व माना जाता है। छठ पूजा एक लोक उत्सव है जो चार दिनों तक चलता है।

यह कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होकर कार्तिक शुक्ल सप्तमी पर समाप्त होता है। छठ साल में दो बार मनाया जाता है। चैती छठ- यह विक्रम संवत के चैत्र महीने में मनाया जाता है और कार्तिक छठ- यह विक्रम संवत के कार्तिक मास में बहुत बड़े पैमाने पर मनाया जाता है।

छठ पूजा को महिलाओं के साथ साथ पुरुष भी रखते हैं। यह पूजा विशेष कर अपने संतानों की सुख और लंबी आयु के लिए किया जाता है। छठ पूजा के पहले दिन नहाय- खाय होता है, दूसरे दिन खरना होता है और तीसरे और चौथे दिन शाम और सुबह का अर्ध्य दिया जाता है। इस तरह यह चार दिवसीय त्यौहार है, जिसकी प्रासंगिकता हर दिन के साथ बढ़ती जा रही है।










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