Braj Holi 2025: ब्रज में 40 दिनों तक होली मनाने की कहानी, जानिये मथुरा के रंगोत्सव की खास बातें
ब्रज में 40 दिन तक मनाई जाने वाली विशेष होली उत्सव के बारे में जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

नई दिल्लीः हिंदू धर्म का प्रसिद्ध पर्व होली जल्द आने वाला है और हर साल यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 14 मार्च को पड़ रही है, जिसकी तैयारियां मथुरा-वृंदावन में शुरू भी हो चुकी है।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, देश में सबसे अच्छी होली ब्रज में मनाई जाती है। वहां भक्ति, प्रेम और रंगों का अनोखा संगम देखने को मिलता है। ब्रज में होली की शुरूआत बंसत पंचमी के दिन से हो जाती है, जो ठीक 40 दिनों तक चलती है।
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वहां की गलियों में गुलाल उड़ते हैं और फाग के सुर गूंजते हैं। जो कोई भी होली के दिन वहां जाता है वह राधा-कृष्ण के प्रेम के रंग में रंग जाता है। वहां रंग की नहीं बल्कि प्रेम की भी वर्षा होती है। आइए आपको ब्रज की ऐतिहासिक होली के बारे में बताते हैं कि वहां कैसे होली मनाई जाती है।
ब्रज में कैसी होती है होली की शुरूआत
जैसा कि आप ऊपर जान चुके हैं कि ब्रज में 40 दिन की होली मनाई जाती है जिसकी शुरूआत बंसत पंचमी के दौरान होती है। इस दिन वृंदावन के ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में विशेष श्रृंगार आरती की जाती है और उसके बाद भगवान को गुलाल लगाया जाता है। वहीं, भक्तों पर भी गुलाल उड़ाकर पर्व का आरंभ किया जाता है। इसके बाद 40 दिन की होली का शुरूआत हो जाती है।
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ब्रज में होली का दहन व धुलेंडी की तिथि
पूरे ब्रज में होली का दहन 13 मार्च को किया जाएगा और रंगों की होली यानी धुलेंडी 14 को खेली जाएगी। इस दिन ब्रज की गलियों में गुलाल उड़ाए जाएंगे और भजन-कीर्तिन होंगे। ब्रज की होली में पद गायन, समाज गायन और फाग उत्सव की विशेष परंपराएं अपनाई जाती है। हर साल वहां लाखों भक्त होली खेलने के लिए आते हैं।
2025 की ब्रज होली
तीन फरवरीः बंसत पंचमी पर होली ध्वजारोहण।
7 मार्चः नंदगांव और बरसाना में फाग आमंत्रण और लड्डू होली।
8 मार्चः बरसाना में रंगीली गली में लट्ठमार होली।
9 मार्चः नंदगांव में लट्ठमार होली।
10 मार्चः बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली और कृष्ण जन्मभूमि पर हुरंगा उत्सव।
11 मार्चः गोकुल के रमणरेती और द्वारकाधीश मंदिर में होली।
12 मार्चः वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में होली पर्व।
13 मार्चः पूरे ब्रज में होलिका दहन।
14 मार्चः पूरे ब्रज में धुलेंडी यानी रंगों वाली होली।
15 मार्चः बलदेव के दाऊजी मंदिर में हुरंगा।
16 मार्चः नंदगांव में हुरंगा।
17 मार्चः जाव गांव में पारंपरिक हुरंगा।
18 मार्चः मुखरई में चरकुला नृत्य।
22 मार्चः वृंदावन के रंगनाथ मंदिर में समापन समारोह।