BLOG: तिरुपति मंदिर के लड्डू में चर्बी; कानून, धर्म, राजनीति और भावनाएं ऊफान पर

डीएन ब्यूरो

देश के सबसे अमीर मंदिरो में शुमार आंध्र प्रदेश के विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद की पवित्रता और शुद्धता को लेकर विवाद और सियासत दोनो गहराती जा रहीं है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

सियासत भी होने लगी तेज
सियासत भी होने लगी तेज


नई दिल्ली: देश के सबसे अमीर मंदिरो में शुमार आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में स्थित विश्व प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर (Tirupati Temple) के लड्डू प्रसादम (Laddu Prasad) की पवित्रता और शुद्धता को लेकर विवाद (Dispute) गहराता जा रहा है। लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी (Animal fat) और फिश ऑयल (Fish Oil) की मिलावट सामने आने के बाद यह मामला कानून की अदालत से लेकर धार्मिक और राजनीतिक गलियारों में जोर पकड़ रहा हैं और कई लोग उनकी भावनाए आहत होने की बात कर रहे हैं। 

तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने लैब रिपोर्ट के हवाले से जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार पर सनसनी खेज आरोप (Allegations) लगाए हैं। टीडीपी के दावे के मुताबिक वाईएसआरसी (YSRS) सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुमाला मंदिर ट्रस्ट (Temple Trust) को प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू प्रसादम बनाने के लिए जिस घी की आपूर्ति की गई थी, उसके सैंपल का लैब टेस्ट (Lab Test) कराने पर उसमें जानवरों की चर्बी (Animal fat) और फिश ऑयल (Fish Oil) की मिलावट का पता चला है। सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने दावा किया है कि गुजरात स्थित एक लैब ने मिलावट की पुष्टि की है।

टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमणा रेड्डी ने 19 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की। उन्होंने बताया कि गुजरात स्थित लाइवस्टॉक लैबोरेटरी, NDDB (नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड बोर्ड) CALF लिमिटेड (सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड) को 9 जुलाई, 2024 को सैंपल भेजा गया था। लैब ने 17 जुलाई को अपनी रिपोर्ट दी थी। इस मुद्दे पर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व चेयरमैन और वाईएसआर पार्टी सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा, 'तिरुपति लड्डू प्रसादम की पवित्रता पर सीएम नायडू का बयान बहुत ही अपमानजनक है।

इससे दुनिया भर के हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। टीटीडी ने 2019 से 2024 तक नैवेद्यम और प्रसादम तैयार करने में उच्चतम मानकों का पालन किया और पहले की तुलना में प्रसादम की गुणवत्ता में भी सुधार किया। 

अमित शाह को चिट्ठी

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इस मामले को लेकर वकील विनीत जिंदल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और आंध्र प्रदेश पुलिस प्रमुख के पास राज्य के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों और पशुओं की चर्बी वाले मिलावटी घी की आपूर्ति करने वाले ठेकेदार के खिलाफ शिकायत दर्ज करने की अर्जी भेजी है। वकील जिंदल ने अपनी शिकायत में इन सभी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता यानी BNS की धारा 152, 192, 196, 298 और 353 के तहत एफआईआर दर्ज करने, साथ ही जगन मोहन रेड्डी और अन्य के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) लगाने की गुहार लगाई है।

हम ये सारी गंदगी साफ करेंगे: चंद्रबाबू नायडू

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक ताजा बयान में कहा, 'मैं राज्य के लोगों से आग्रह करता हूं, एनटी रामाराव ने तिरुमाला में भोजन की पेशकश शुरू की थी। आज के दौर में वहां खाना भी घटिया क्वालिटी का परोसा जा रहा है। प्रसादम के बारे में भी कई शिकायतें हैं। इसे बनाने में उपयोग किया होने वाला कच्चा माल निम्न गुणवत्ता का है। इस पवित्र मंदिर में अपवित्र कच्चे माल का उपयोग किया जा रहा है। हम ये सारी गंदगी साफ करेंगे। इस काम में लोग दिन-ब-दिन और अधिक योगदान दे रहे हैं। कम से कम अब तो एक उचित व्यवस्था स्थापित होगी, और आप सभी इसे एक पवित्र काम के रूप में लें। इससे पहले 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पूर्ववर्ती जगन सरकार पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा था, 'पिछले 5 साल में जगन मोहन और YSRCP के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को नष्ट किया।

तिरुमाला मंदिर के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी मिलाई जा रही थी। मेरी सरकार ने प्रसाद बनाने के लिए जिस कंपनी से घी लिया जा रहा था, उससे करार खत्म कर लिया है और कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर रहे हैं। मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई है। एक साल पहले ही कंपनी को सप्लाई का टेंडर मिला था। ' बता दें कि तिरुपति मंदिर के 300 साल पुराने भोजनालय में रोजाना 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट को लड्डू प्रसादम से हर साल औसतन 500 करोड़ रुपये की कमाई होती है। 

जांच के लिए हाई कोर्ट पहुंचे जगन

उधर, जगन मोहन और उनकी पार्टी YSR कांग्रेस ने इस विवाद पर आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का रुख किया। YSR कांग्रेस ने हाई कोर्ट से एन. चंद्रबाबू नायडू और टीडीपी के आरोपों की जांच के लिए एक ज्यूडिशियल कमेटी गठित करने की मांग की। इस मामले में हाई कोर्ट 25 सितंबर को सुनवाई करेगा। केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। उन्होंने कहा, 'आंध्र प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री ने जो कहा है वह बेहद गंभीर और चिंतनीय मुद्दा है। क्योंकि इससे लोगों की आस्था गहराई से जुड़ी हुई है। एक विस्तृत जांच की जानी चाहिए, और जो भी दोषी पाया जाए उसे दंडित किया जाना चाहिए।

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सनातन धर्म रक्षण बोर्ड के गठन का समय

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने शुक्रवार को कहा कि वह लैब रिपोर्ट के निष्कर्षों से बहुत चिंतित हैं, जिसमें तिरुमाला के लड्डू प्रसादम में मछली के तेल और जानवरों की चर्बी  के मिलावट की पुष्टि की गई है। उन्होंने कहा, 'वाईसीपी सरकार द्वारा गठित टीटीडी बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे। हमारी सरकार यथासंभव कड़ी कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब हमारे धर्म की रक्षा के लिए सनातन धर्म रक्षण बोर्ड के गठन का समय आ गया है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। हालांकि, टीटीडी ने घी की गुणवत्ता जांचने के लिए चार सदस्यीय विशेष समिति का गठन किया है।

सनातन धर्म पर हमला: कर्नाटक BJP

अब कर्नाटक बीजेपी ने मांग की है कि राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित सभी मंदिरों के प्रसाद का प्रयोगशाला में परीक्षण किया जाए और किसी भी गैर-हिंदू को मंदिर के प्रबंधन के लिए नियुक्त नहीं किया जाए। तिरुपति प्रसादम विवाद पर राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, 'जो चेकिंग की गई उससे साफ है कि इसमें मछली का तेल मिलाया गया था। ये सब कब से हो रहा है ये अभी तक पता नहीं चल पाया है। ये एक साजिश है और सनातन धर्म पर हमला है। सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और दोषियों को दंडित करना चाहिए। 

मंदिर में सिर्फ हिंदू ही होने चाहिए: राव

भाजपा नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, 'हिंदू तिरुपति प्रसादम के एक छोटे टुकड़े के लिए मरते हैं। प्रसादम में मिलावट हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ है। जो हुआ है वो सोच के परे है। टीटीडी एक हिंदू संगठन है और इसमें सिर्फ हिंदू ही होने चाहिए। तिरुपति मंदिर परिसर में कामकाज के लिए सिर्फ हिंदू होने चाहिए यह हमारी मांग है। 










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