भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की; पुराने नेता, स्थानीय फिल्म स्टार और पूर्व आईएएस अधिकारियों पर भरोसा

डीएन ब्यूरो

छत्तीसगढ़ के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाषा) ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को 64 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिसमें पार्टी के तीन सांसद और 11 विधायक शामिल हैं । पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की
भाजपा ने उम्मीदवारों की सूची जारी की


रायपुर:  छत्तीसगढ़ के विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाषा) ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को 64 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिसमें पार्टी के तीन सांसद और 11 विधायक शामिल हैं ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक भाजपा ने इस सूची में बिरनपुर सांप्रदयिक हिंसा में मारे गए भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू को भी चुनाव मैदान में उतारा है।

पार्टी ने सूची में 2018 के विधानसभा चुनाव में हारे हुए 13 नेताओं को फिर से जगह दी है।

चुनाव आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ समेत पांच राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के कुछ घंटों बाद भाजपा ने सोमवार को 64 विधानसभा सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की। नक्सल प्रभावित राज्य में 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात नवंबर (20 सीटें) और 17 नवंबर (70 सीटें) को दो चरणों में मतदान होगा।

इसके साथ ही भाजपा ने अब तक 85 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। अब केवल पांच उम्मीदवारों के नाम शेष है।

सूची के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह अपनी पारंपरिक राजनांदगांव सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि विधानसभा में विपक्ष के नेता नारायण प्रसाद चंदेल को उनकी वर्तमान सीट जांजगीर-चांपा से फिर से उम्मीदवार बनाया गया है।

हाल ही में भाजपा में शामिल हुए लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी फिल्म स्टार अनुज शर्मा को रायपुर जिले के धरसीवा से चुनाव मैदान में उतारा गया है।

बेमेतरा जिले के बिरनपुर गांव में इस साल अप्रैल में सांप्रदायिक झड़प में एक युवक की मौत हो गई थी। उसके पिता ईश्वर साहू का नाम भी उम्मीदवारों की सूची में है।

राज्य के मुख्य विपक्षी दल ने मौजूदा विधायक डमरूधर पुजारी की टिकट काट दी है तथा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक धमरजीत सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है, सिंह हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं।

एक केंद्रीय मंत्री सहित तीन सांसद और दो पूर्व आईएएस अधिकारी भी इस सूची में शामिल हैं, जिसमें 20 से अधिक नए चेहरे और नौ महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।

भाजपा ने जिन 64 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा की है, उनमें से 19 सीटें अनुसूचित जनजाति (एसटी) और नौ सीटें अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित हैं।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और बिलासपुर से सांसद अरुण साव को लोरमी से, सरगुजा से सांसद और केंद्रीय जनजातीय मामलों की राज्य मंत्री रेणुका सिंह को भरतपुर-सोनहत (एसटी आरक्षित) से और रायगढ़ से लोकसभा सदस्य गोमती साय को पत्थलगांव (एसटी) से चुनाव मैदान में उतारा गया है।

पार्टी ने इसके साथ ही विधायक बृजमोहन अग्रवाल (रायपुर दक्षिण), पुन्नूलाल मोहले (मुंगेली-एससी), ननकीराम कंवर (रामपुर-एसटी), धरमलाल कौशिक (बिल्हा), डॉक्टर कृष्णमूर्ति बांधी (मस्तूरी-एससी), सौरभ सिंह (अकलतरा), शिवरतन शर्मा (भाटापारा), अजय चंद्राकर (कुरुद) और रंजना दीपेंद्र साहू (धमतरी) को फिर से चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की है।

भाजपा के जो उम्मीदवार 2018 में हार गए थे उन पार्टी ने एक बार फिर भरोसा जताया है। इन उम्मीदवारों में श्याम बिहारी जायसवाल (मनेंद्रगढ़), भैयालाल राजवाड़े (बैकुंठपुर), रामदयाल उइके (पाली-तानाखार-एसटी), केदार कश्यप (नारायणपुर-एसटी), महेश गागड़ा (बीजापुर-एसटी), प्रेम प्रकाश पांडेय (भिलाई नगर), दयालदास बघेल (नवागढ़-एससी), राजेश मूणत (रायपुर पश्चिम), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़-एसटी), अमर अग्रवाल (बिलासपुर) और संयोगिता सिंह जूदेव (चंद्रपुर) शामिल हैं।

पार्टी ने पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी को रायगढ़ सीट से उम्मीदवार बनाया है, जो खरसिया सीट से पिछला चुनाव हार गए थे। वहीं पार्टी ने 2018 में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में असफल चुनाव लड़ने वाले संपत अग्रवाल को बसना सीट से उम्मीदवार बनाया है।

पार्टी ने पाटन सीट से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से हारने वाले उम्मीदवार मोतीलाल साहू को रायपुर ग्रामीण सीट से चुनाव मैदान में उतारा है।

भाजपा ने दिवंगत दिलीप सिंह जूदेव के बेटे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव को कोटा सीट से चुनाव मैदान में उतारा है।

पार्टी ने बेमेतरा जिले की साजा सीट से ईश्वर साहू को भी मैदान में उतारा है। उनके बेटे भुनेश्वर साहू (22) की आठ अप्रैल को बिरनपुर गांव में सांप्रदायिक हिंसा में मौत हो गयी थी।

पूर्व आईएएस अधिकारी नीलकंठ टेकाम, जो अगस्त माह में नौकरी छोड़ने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे को केशकाल (एसटी) सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।

वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय को कुनकुरी (एसटी) से मैदान में उतारा गया है।

पार्टी ने हाल ही में भाजपा में शामिल हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के विधायक धर्मजीत सिंह को तखतपुर से चुनाव मैदान में उतारा है। सिंह वर्तमान में लोरमी से विधायक हैं, जहां भाजपा ने अपने राज्य इकाई अध्यक्ष अरुण साव को उम्मीदवार बनाया है।

सूची जारी होने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए साव ने कहा कि पार्टी ने जहां युवा चेहरों को मौका दिया है, वहीं अनुभवी नेताओं को भी मैदान में उतारा है। इसलिए यह युवा और अनुभवी नेताओं का मिश्रण है।

कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ''पार्टी ने हर पहलू पर विचार करते हुए और हर पहलू को ध्यान में रखते हुए टिकट दी हैं। आगामी चुनावों में भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी के सभी कार्यकर्ता मिलकर काम करेंगे।''

भाजपा के उम्मीदवारों की दूसरी सूची पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा ने उन लोगों पर भरोसा जताया है जिन्हें पिछले चुनाव में जनता ने खारिज कर दिया था।

बघेल ने कहा, ''कल (दिल्ली के लिए रवाना होते समय) मैंने कहा था कि भाजपा के उम्मीदवारों की सूची जानबूझकर लीक की गई थी (भाजपा उम्मीदवारों की कथित सूची का जिक्र करते हुए जो पिछले हफ्ते वायरल हो गई थी)। अगर यह जानबूझकर नहीं किया गया होता, तो आयकर और प्रवर्तन निदेशालय ने (कथित लीक में शामिल लोगों पर) छापा मारा होता। ऐसा भाजपा की रणनीति के तहत किया गया। भाजपा ने उन लोगों पर भरोसा किया है जिन्हें जनता ने नकार दिया है, चाहे वह अमर अग्रवाल हों, प्रेमप्रकाश पांडेय हों या राजेश मूणत हों। पार्टी के पास राज्य में कोई चेहरा नहीं है।''

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ईश्वर साहू को मैदान में उतारकर बिरनपुर (बेमेतरा) में सांप्रदायिक हिंसा का मुद्दा उठाने की कोशिश कर रही है, बघेल ने कहा, ''वे कितनी भी कोशिश कर लें, यह कोई मुद्दा नहीं बन सकता। भाजपा किसे टिकट देती है, यह उनका विचार है। लेकिन साजा में भाजपा के अन्य पार्टी कार्यकर्ता भी थे। वह (ईश्वर साहू) पूरी तरह से गैर-राजनीतिक व्यक्ति हैं।''

2018 के विधानसभा चुनाव में, कांग्रेस ने कुल 90 सीटों में से 68 सीटें जीतीं थी। जबकि भाजपा 15 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी द्वारा स्थापित जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को पांच सीटें मिलीं थी और उसकी सहयोगी बहुजन समाज को दो सीटें मिली थी।

2018 के बाद पांच विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में जीत के साथ राज्य विधानसभा में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 71 हो गई है।

सदन में वर्तमान में विपक्षी भाजपा के पास 13 सीटें, जेसीसी (जे) के पास तीन और बसपा के पास दो सीटें हैं। एक सीट रिक्त है।

 










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