संबलपुर हिंसा को लेकर भाजपा का ओडिशा सरकार पर हमला, कही ये बात
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार सांसदों के एक दल ने हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान यहां दो समुदायों के बीच हुई हिंसा स्थल का मंगलवार को दौरा किया और इस घटना के लिए ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजद) सरकार को जिम्मेदार ठहराया। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
संबलपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार सांसदों के एक दल ने हनुमान जयंती शोभायात्रा के दौरान यहां दो समुदायों के बीच हुई हिंसा स्थल का मंगलवार को दौरा किया और इस घटना के लिए ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजद) सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, उत्तर प्रदेश से भाजपा के राज्यसभा सदस्य बृजलाल, झारखंड से पार्टी के सांसद समीर उरांव और आदित्य साहू तथा पश्चिम बंगाल से ज्योतिर्मय सिंह महतो ने पश्चिमी ओडिशा में स्थित संबलपुर शहर का दौरा किया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को सौंपी है।
दल के सदस्य आदिवासी युवक चंद्रमणि मिर्धा के घर गये। शहर के बाहरी इलाके में हुई हिंसा के दौरान उसकी हत्या कर दी गई थी।
भाजपा सांसदों का दल घटना स्थल पर भी गया, जहां मिर्धा की हत्या की गई थी और स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की।
यह भी पढ़ें |
Lok Sabha Election: ओडिशा में भाजपा को झटका, इस बड़े नेता ने पार्टी छोड़ BJD का थामा हाथ
बाद में, बृजलाल ने कहा, ‘‘शुरूआती रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रायोजित हिंसा थी। यह अप्रिय घटना राज्य सरकार की नाकामी के चलते हुई।’’
संबलपुर के पुलिस अधीक्षक बी गंगाधर ने बताया कि मिर्धा की हत्या के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि युवक की मौत का संबंध शहर में 12 और 14 अप्रैल को हुई हिंसा से कहीं से भी नहीं है।
उल्लेखनीय है कि हिंसा के दौरान कई लोग घायल हो गये थे और कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया था। हिंसा के मद्देनजर शहर में कई दिनों तक कर्फ्यू लगाना पड़ा था और इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित करनी पड़ी थीं।
यह भी पढ़ें |
गर्मी के प्रंचड प्रकोप, इस राज्य में स्कूलों को बंद करने का ऐलान, जानें मौसम का पूरा हाल
भाजपा का दल भवानीपल्ली भी गया और कालिया सिक्का नाम के दलित युवक से मुलाकात की, जो 14 अप्रैल को घायल हो गया था।
बृजलाल ने कहा, ‘‘सिक्का पर धारदार हथियारों से हमला किया गया था और उसकी उंगली काट दी गई। उसकी हत्या की कोशिश की गई। हमें यह सत्यापित करना होगा कि पुलिस ने हत्या की कोशिश की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है या नहीं।’’