Noida में बाइक लिफ्टर गैंग का पर्दाफाश, NCR से चुराकर इन जिलों में बेचते थे वाहन

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के नोएडा में पुलिस ने ऐसे बाइक लिफ्टर गैंग को पकड़ा है, जो NCR से वाहन चोरी करके प्रदेश के अन्य जिलों में ले बेचते थे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बाइक लिफ्टर गैंग का पर्दाफाश
बाइक लिफ्टर गैंग का पर्दाफाश


Noida: यूपी के नोएडा में पुलिस ने ऐसे बाइक लिफ्टर गैंग को पकड़ा है, जो एनसीआर से वाहन चोरी करके प्रदेश के अन्य जिलों में ले जाकर बेचता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से कई वाहन जब्त किए हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक नोएडा पुलिस ने एक बाइक लिफ्टर गैंग को पकड़ा है, जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) से दोपहिया वाहन चुराकर उत्तर प्रदेश में बेचता था।

पुलिस अधिकारियों के मुताबिक बाइक लिफ्टर गैंग ने चोरी की गईं रॉयल एनफील्ड बुलेट को 15,000 रुपये में बेचा था। 

इसके अलावा गैंग ने हीरो स्प्लेंडर को केवल 9 हजार से 10 हजार रुपये में अलीगढ़, फर्रुखाबाद, एटा जैसे जिलों में बेचा था। 

पुलिस द्वारा गैंग के पास से कुल 20 बाइक बरामद की गई हैं। पुलिस ने इस गिरोह के तीन सदस्यों को अरेस्ट किया गया है, जिनके पास से कई दोपहिया वाहन मिले हैं। पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ में जुटी है।

पुलिस के अनुसार पकड़े गए लोगों की पहचान 31 वर्षीय रजनीकांत सिंह, उनके भाई 24 वर्षीय विनय और उनके सहयोगी 25 वर्षीय आदित्य पाल सिंह के रूप में की गई है।

सूरजपुर पुलिस स्टेशन को गैंग के बारे में सूचना मिली थी, जिसके बाद तिलपत्ता चौराहे के पास से पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया। 

आरोपी एटा जिले के रहने वाले हैं। ये लोग गौतम बौद्ध नगर एनसीआर इलाके से से वाहन चुराते थे और उन्हें यूपी के जिलों में बेच देते थे। आरोपियों ने अलीगढ़, एटा, फर्रुखाबाद और आसपास के अन्य जिलों में वाहन बेचे हैं।

पुलिस का कहना है कि गैंग के मुख्य सदस्य रजनीकांत और उसका भाई विनय वाहनों को उठाते थे। इन लोगों ने आदित्य को बाइक बेच दी थीं। इसके बाद आदित्य ने चोरी की बाइकें इन जिलों में अन्य लोगों को बेच दीं।

पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 7 बुलेट, 1 टीवीएस अपाचे, 1 यामाहा एफजेड, 9 हीरो स्प्लेंडर और 1 हीरो पैशन प्रो सहित 20 चोरी की बाइक जब्त की हैं।

इनमें से चार बाइकों में प्लेट पर फर्जी नंबर थे। आरोपियों के खिलाफ सूरजपुर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ पहले भी कई अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में केस दर्ज हैं।










संबंधित समाचार