अजीबो-गरीबः भारत में यहां लगता है भूतों का सबसे बड़ा मेला.. मेले में जुटते हैं लाखों लोग
आपने मेले तो बहुत देखे होंगे लेकिन क्या कभी भूतों का मेला लगता हुआ भी देखा है। जी हां भारत में एक ऐसी जगह है जहां पर गुड्डे-गुड़ियाओं का नहीं बल्कि यहां पर भूतों का सबसे बड़ा मेला लगता है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़ें कहां है यह अद्भुत जगह
वैशालीः अब आपने मेले लगते बहुत देखे होंगे वहां जुटने वाली भारी भीड़ और मेलों में लोगों का दिल जीतने वाले कलाकारों के करतब की भी खूब मिसालें सुनी होंगी लेकिन एक बात जानकर आप भी हैरान रह जायेंगे। जी हां भारत में एक ऐसी भी जगह है जहां पर कोई साधारण मेला नहीं बल्कि साक्षात भूतों का मेला लगता है। इस मेले में देश-दुनिया से लोग जुटते हैं और जिन पर भूत चढ़ा होता है मेले में उसका भूत भगाया जाता है।
यह भी पढ़ेंः तेज प्रताप ने ट्वीट कर बढ़ाई सरगर्मी.. तलाक प्रकरण में लिखा ऐसा दोहा कि मच गया बवाल
यह भी पढ़ें |
Top Trending News of the Day: पढिये, देश-दुनिया की दिन भर की चुनिंदा खास खबरें, केवल चंद मिनटों में..
यह मेला कहीं और नहीं बल्कि बिहार के वैशाली में कोनहरा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हर साल लगता हैं। यहां हरिहर क्षेत्र में देश-दुनिया से लोग यहां जुटते हैं। यह मेला सिर्फ भारत का ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में लगने वाला सबसे बड़ा भूतों का मेला है। इस मेले में एक रात में हजारों-लाखों लोग बुरी आत्माओं और भूतों को अपने ऊपर से भगाने के लिये यहां पर पहुंचते हैं। इस विशेष मेले में दूर-दराज के लाखों लोग रातभर भूत भगाने के लिये यहां अनुष्ठान करते हैं और तांत्रिकों से आशीर्वाद लेकर उनसे मनोकामना मांगते हैं कि किसी भी तरह उनके परिजन पर से भूत का साया हट जाये।
यह भी पढ़ें |
रायबरेली: कार्तिक पूर्णिमा मेले पर डलमऊ में लगा श्रद्धालुओं का तांता
यह भी पढ़ेंः UP सरकार का हाल.. शहीद का किया अपमान, परिजनों के साथ ग्रामीण बैठे धरने पर
भूतों को पकड़ने और भगाने वाले ओझाओं का भी मेले में हुजूम उमड़ पड़ता है। इनका दावा है कि कार्तिक पूर्णिमा की रात को चाहे किसी पर भी कितना ही बड़ा भूत का साया क्यों न हो ये उसे कुछ ही पलों में अपने तंत्र-मंत्र से पलभर में भगा देते हैं। भूतों को भगाने के लिये अजीबो- गरीब तरीका अपनाया जाता है।
महिलाओं का भूत को कुछ विशेष ही अंदाज में भगाया जाता है। महिलाओं के बालों को खींचा जाता है और उन्हें छड़ी जिसे संटी कहते हैं उससे पीटा जाता है। ओझा इस दौरान तंत्र-मंत्र के जरिये एक अलग ही भाषा का इस्तेमाल कर भूतों से बातचीत करते हैं और उन्हें इंसान के शरीर से निकाल फेंकते हैं।