राजस्थान में राज और रिवाज बदलने की लड़ाई, मतदान कल
राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार को होगा जिसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राजनीतिक गलियारों में राज्य के इस चुनाव को राज (सरकार) और 'रिवाज बदलने की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
जयपुर: राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान शनिवार को होगा जिसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। राजनीतिक गलियारों में राज्य के इस चुनाव को राज (सरकार) और 'रिवाज' बदलने की लड़ाई के रूप में देखा जा रहा है।
बीते कुछ दशकों में, परंपरागत रूप से राज्य में हर विधानसभा चुनाव में राज यानी सरकार बदल जाती है... एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा। भाजपा को बाकी बातों के अलावा इस 'रिवाज' से बड़ी उम्मीद है जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस उम्मीद कर रही है कि इस बार यह 'रिवाज' बदलेगा और दोबारा उसकी सरकार बनेगी।
राज्य में 200 में से 199 सीट पर मतदान हो रहा है जहां 5.25 करोड़ से अधिक मतदाता वोट डाल सकेंगे। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस व मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच माना जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कांग्रेस और भाजपा ने राज्य में 'राज और रिवाज' बदलने की इस लड़ाई में पूरी ताकत झोंकते हुए जोरदार चुनाव प्रचार किया, लेकिन यह प्रचार अभियान बृहस्पतिवार को थम गया।
सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अपने प्रचार को अशोक गहलोत सरकार के काम, उसकी योजनाओं और कार्यक्रमों पर केंद्रित किया और दोबारा सरकार बनने पर दी गई सात गारंटी को पूरा करने का वादा किया।
वहीं, भाजपा नेता अपने अभियान में महिलाओं के खिलाफ अपराध, तुष्टिकरण, भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर सरकार पर हमलावर रहे।
राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीट हैं। करणपुर सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण चुनाव स्थगित किया गया है।
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अधिकारियों ने बताया कि इन 199 सीट पर 1862 उम्मीदवार मैदान में हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 5,25,38,105 है। इनमें 18-30 आयु वर्ग के 1,70,99,334 युवा मतदाता शामिल हैं, जिनमें 18-19 आयु वर्ग के 22,61,008 नए मतदाता शामिल हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतदान शनिवार को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से इस बार भी अपना चुनावी भाग्य आजमा रहे नेताओं में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, मंत्री शांति धारीवाल, बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी, सालेह मोहम्मद, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास, राजेंद्र यादव, शकुंतला रावत, उदय लाल आंजना, महेंद्रजीत सिंह मालवीय तथा अशोक चांदना व पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शामिल हैं।
वहीं, भाजपा के प्रमुख उम्मीदवारों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया तथा सांसद दीया कुमारी, राज्यवर्धन राठौड़, बाबा बालकनाथ व किरोड़ी लाल मीणा मैदान हैं।
भाजपा ने कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा छह सांसदों और एक राज्यसभा सदस्य सहित 59 मौजूदा विधायकों को टिकट दिया है। वहीं कांग्रेस ने सात निर्दलीय विधायकों और एक भाजपा विधायक-शोभारानी कुशवाह, जिन्हें पिछले साल भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था, सहित 97 विधायकों को मैदान में उतारा है।
कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले प्रमुख चेहरों में से एक पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा हैं, जो नागौर से विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल भी विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इस पार्टी ने चन्द्रशेखर आजाद के नेतृत्व वाली आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के साथ चुनावी गठबंधन किया है।
भाजपा सभी सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने 2018 की चुनाव की तरह अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के लिए एक सीट (भरतपुर) छोड़ी है। भरतपुर सीट से आरएलडी के मौजूदा विधायक सुभाष गर्ग चुनाव लड़ रहे हैं।
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राज्य में इसके अलावा माकपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, भारत आदिवासी पार्टी, भारतीय ट्राइबल पार्टी, आम आदमी पार्टी, एआईएमआईएम समेत कई पार्टियां भी मैदान में हैं। भाजपा और कांग्रेस, दोनों के 40 से अधिक बागी भी मैदान में हैं।
मौजूदा विधानसभा की बात करें तो इस समय कांग्रेस के 107 विधायक, भाजपा के 70, आरएलपी के तीन, माकपा और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो-दो, राष्ट्रीय लोक दल का एक विधायक है। निर्दलीय विधायक 13 हैं जबकि दो-दो सीट (उदयपुर और करणपुर) खाली है।
अधिकारियों के अनुसार, निष्पक्ष और स्वतंत्र मतदान करवाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राज्य में कुल 36,101 स्थानों पर कुल 51,507 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें कुल 10,501 मतदान केन्द्र शहरी क्षेत्र में और 41,006 ग्रामीण क्षेत्र में बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि कुल 26,393 मतदान केन्द्रों से सजीव ‘वेबकास्टिंग’ होगी। जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष से इन मतदान केंद्रों पर निगरानी की जाएगी। प्रदेशभर में 65,277 बैलेट यूनिट, 62,372 कंट्रोल यूनिट और 67,580 वीवीपैट मशीनें (रिजर्व सहित) मतदान कार्य में उपयोग में लाई जाएंगी।
उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराने के लिए 6,287 ‘माइक्रो आब्जर्वर’ और 6247 सेक्टर अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। इसी तरह 2,74,846 मतदान कर्मी मतदान कराएंगे। 7960 महिला मतदानकर्मी महिला प्रबन्धित मतदान केन्द्रों पर एवं 796 दिव्यांग चुनावकर्मी दिव्यांग प्रबन्धित मतदान केन्द्रों पर कमान संभालेंगे।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, मतदान प्रक्रिया सुचारु और शांतिपूर्ण ढंग से करवाने के लिए 1,70,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किये गए हैं जिनमें राजस्थान पुलिस के 70 हजार से अधिक जवान, 18 हजार राजस्थान होमगार्ड, दो हजार राजस्थान बॉर्डर होमगार्ड, अन्य राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश) के 15 हजार होमगार्ड और आरएसी की 120 कंपनियां शामिल हैं।