अतीक अहमद अपनी सुरक्षा की गुहार को लेकर हत्या से कुछ दिन पहले पहुंचा था कोर्ट की शरण में, जानिये पूरा अपडेट

गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा में गोली मारकर हत्या किए जाने से दो सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय ने उमेश पाल हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत के दौरान सुरक्षा उपलब्ध कराने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 16 April 2023, 4:34 PM IST
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नयी दिल्ली: गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद की प्रयागराज में पुलिस सुरक्षा में गोली मारकर हत्या किए जाने से दो सप्ताह पहले उच्चतम न्यायालय ने उमेश पाल हत्याकांड में उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत के दौरान सुरक्षा उपलब्ध कराने का अनुरोध करने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी।

अहमद (60) और उसके भाई अशरफ की शनिवार रात को पत्रकार बनकर आए तीन हमलावरों ने नजदीक से गोली मारकर हत्या कर दी। दोनों भाइयों की उस वक्त हत्या कर दी गई, जब पुलिस उन्हें जांच के लिए मेडिकल कॉलेज लेकर जा रही थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक उच्चतम न्यायालय ने उमेश पाल हत्याकांड में जेल में बंद अतीक की उत्तर प्रदेश पुलिस की हिरासत के दौरान सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग वाली याचिका 28 मार्च को खारिज कर दी थी।

न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने जान को खतरा होने के अतीक के दावे पर उसे सुरक्षा के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने की अनुमति दी थी।

पीठ ने कहा था कि चूंकि, अभी वह न्यायिक हिरासत में है, इसलिए उसकी जान को खतरा होने के मामले में उत्तर प्रदेश राज्य तंत्र उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।

पीठ ने कहा था, ‘‘इस मामले में अदालत दखल नहीं देगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख करने की अनुमति दी जाती है। कानून के तहत जो भी प्रक्रिया निर्धारित है, उसका पालन किया जाए।’’

याचिका में अतीक ने दावा किया था कि उसे और उसके परिवार को प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में गलत तरीके से ‘फंसाया’ जा रहा है।

प्रयागराज में 2005 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल और उसके दो सुरक्षा कर्मियों की इस साल 24 फरवरी को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।