गोरखपुर पहुंचा शहीद जवान दिवाकर का शव, पत्नी और मां हुईं बेसूध

डीएन ब्यूरो

यूपी के गोरखरपुर में शहीद जवान दिवाकर का शव पैतृक निवास पहुंचते ही जन सैलाब उमड़ पड़ा। इस दौरान लोगों की आंखें नम हो गईं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये पूरी रिपोर्ट

शहीद का शव पहुंचा गांव
शहीद का शव पहुंचा गांव


गोरखपुर: भारतीय सेना के जवान दिवाकर यादव एक हादसे में शहीद होने गये। आज उनका शव पैतृक निवास पहुंचने से पहले अंतिम दर्शन के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। पूरे सैनिक सम्मान के साथ सेना के जवानों ने शहीद को अंतिम सलामी दी। उनवल कटरा बाबा के स्थान आमी नदी के तट पर 13 वर्षीय इकलौते बेटे निखिल उर्फ शुभम ने अपने दादा जी के सहयोग से चिता को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो उठीं।

डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक भारतीय सेना के वाहन से जैसे ही जवान का पार्थिव शरीर जिले की सीमा में पहुंचा तो सबसे पहले नौसढ़ में फिर महुआडाबर चौराहे पर आरडीएम स्कूल कनराईं में कतार में खड़े विद्यार्थियों और शिक्षकों ने फूल बरसाए। जरलहीं आमी नदी पुल उनवल में भी शहीद पर फूल बरसाये गये। 

बता दें कि इलाके के नगर पंचायत उनवल वार्ड संख्या 2 बेढ़ा मौजे के निवासी रामसांवर यादव के पुत्र दिवाकर यादव 35 वर्ष की राजस्थान के बाड़मेर में 21 जुलाई रविवार को रात 9.30 बजे बिजली का करंट लगने के बाद कुएं में गिरने से मौत हो गई। सूचना मिलते ही परिजनों समेत इलाके के लोग शहीद जवान के पार्थिव शरीर के आने इंतजार में थे। 22 जुलाई को पोस्टमार्टम और विभागीय औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सम्मान के साथ शव को रवाना किया गया। पैतृक निवास पहुंचते ही साथ आए आर्म्ड रेजिमेंट-74 स्टेशन हेडक्वार्टर पैरेंट्स यूनिट के जवानों ने अंतिम दर्शन के लिए ताबूत का ढक्कन हटाया तो पत्नी और मां बेसूध हो गईं। जवान की मौत पर परिजन बिलखते रहे। 

जिलाधिकारी कृष्ण करूणेश के प्रतिनिधि के रूप में तहसीलदार गोपाल कृष्ण तिवारी सेवानिवृत्त कर्नल अनिल कुमार सिंह नगर पंचायत के चेयरमैन महेश दूबे समेत दर्जनों लोगों ने पुष्पगुच्छ चढ़ाकर शहीद को नमन किया। अंतिम यात्रा के दौरान "दिवाकर यादव अमर रहें" "भारत माता की जय" और वंदे मातरम के नारे लगाते हुए बड़ी संख्या में लोग अंतिम यात्रा में सम्मिलित हुए।

दिवाकर तीन भाई और एक बहन में दूसरे नम्बर की संतान थे। दिवाकर के बड़े भाई प्रभाकर सीमा सुरक्षा बल के जवान हैं। बहन नर्वदा की शादी हो चुकी है। छोटा भाई रमाकर भी आर्मी का जवान है। गांव में रहने वाले पिता किसान और मां एक घरेलू महिला है। खजनी थाने एसएसआई बलराम पांडेय, सत्यदेव, शैलेन्द्र प्रताप सिंह, नायक रमेश यादव, अभय यादव, रिसालदार, देवेन्द्र, बृजेश आदि रेजिमेंट के जवानों समेत बड़ी संख्या में नगर, तहसील एवं जिले से पहुंचे लोगों ने शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि दी।










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