सेना और वायु सेना का दिल्ली से कारगिल तक साइकिल अभियान, जानिये इसकी खासियत

डीएन ब्यूरो

सेना और वायु सेना का एक संयुक्त साइकिल दल शनिवार को विशेष अभियान के तहत कारगिल के लिए रवाना हुआ और यह 24 दिन में 1600 किलोमीटर की दूरी तय करेगा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली से कारगिल तक साइकिल अभियान (फाइल फोटो )
दिल्ली से कारगिल तक साइकिल अभियान (फाइल फोटो )


नई दिल्ली: सेना और वायु सेना का एक संयुक्त साइकिल दल शनिवार को विशेष अभियान के तहत कारगिल के लिए रवाना हुआ और यह 24 दिन में 1600 किलोमीटर की दूरी तय करेगा।

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित साइकिल अभियान में 20 सैनिक और वायु योद्धा हिस्सा ले रहे हैं। इनका नेतृत्व सेना और वायुसेना की दो प्रतिभावान महिला अधिकारी करेंगी। अभियान को यहां राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से सिग्नल ऑफिसर-इन-चार्ज तथा कोर ऑफ सिग्नल्स के सीनियर कर्नल स्टाफ ऑफिसर ले. जनरल एमयू नायर और पश्चिमी वायु कमान के सीनियर एयर स्टाफ ऑफीसर एयर मार्शल आर राधिश ने संयुक्त रूप से झंडी दिखाकर रवाना किया।

अभियान दल 24 दिन में 1600 किलोमीटर की दूरी पूरी कर 26 जुलाई को द्रास स्थित करगिल युद्ध स्मारक पहुंचेगा और कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेगा।

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साइकिल दल का नेतृत्व कोर ऑफ सिग्नल्स की मेजर सृष्टि शर्मा करेंगी। मेजर सृष्टि शर्मा दूसरी पीढ़ी की अधिकारी हैं, जिन्हें विभिन्न तकनीक आधारित गोपनीय अभियानों में योगदान देने के लिये 2019 में चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड स्टाफ प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया था।

वायु सेना की तरफ से साइकिल दल का नेतृत्व स्कॉड्रन लीडर मेनका कर रही हैं, जिन्होंने अपने दस वर्षीय सेवाकाल के दौरान बीदर, ग्वालियर और देवलाली में लॉजिस्टिक्स अधिकारी के रूप में काम किया है।

हिमाचल प्रदेश में प्रवेश के बाद लद्दाख की तरफ बढ़ते हुये अभियान दल को ऊंचाई वाले इलाकों में कड़ी चुनौतियों और ऑक्सीजन की कमी से जूझना होगा। इन चुनौतियों का सामना करने के लिये अभियान दल ने बहुत पहले ही अभ्यास शुरू कर दिया था। उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ ले. जनरल उपेन्द्र द्विवेदी द्रास से अभियान को झंडी दिखाकर आगे रवाना करेंगे।

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इस अभियान का प्रमुख लक्ष्य है कि राष्ट्रवाद के प्रति भारतीय युवाओं में ऊर्जा का संचार करना है। जो यह काम साइकिल दल करेगा और इस दौरान वह रास्ते में अनेक स्थानों पर स्कूली बच्चों से बातचीत करेगा। इस कदम से देश के भावी नेतृत्वकर्ताओं में उत्साह और जोश पैदा होगा तथा उनकी ऊर्जा को सही दिशा मिलेगी। (वार्ता) 










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