सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों से लैस किया जा रहा है: राजनाथ

डीएन ब्यूरो

राष्ट्रीय सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों से लैस किया जा रहा है क्योंकि देश आयातित हथियारों पर निर्भर नहीं रहना चाहता।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (फाइल)
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (फाइल)


जम्मू: राष्ट्रीय सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों को नवीनतम हथियारों से लैस किया जा रहा है क्योंकि देश आयातित हथियारों पर निर्भर नहीं रहना चाहता।

सिंह ने साथ ही कहा कि सरकार देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने यहां एक राष्ट्रीय सुरक्षा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' है। उन्होंने कहा, ‘‘सेना को नवीनतम हथियारों और आधुनिक तकनीक से लैस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।''

उन्होंने देश को आश्वस्त किया कि सशस्त्र बल सीमाओं और समुद्र की रक्षा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। उन्होंने कहा, 'हमारा लक्ष्य अपने सशस्त्र बलों को आधुनिक सेनाओं की अग्रिम पंक्ति में लाना है।'

राष्ट्रीय सुरक्षा पर रूपरेखा की विस्तार से चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार चार निर्देशक सिद्धांतों पर काम कर रही है, जिसमें देश को अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के खतरों से निपटने में सक्षम बनाना और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए हर कार्रवाई करना शामिल है।

मंत्री ने कहा कि प्रगति के लिए देश के भीतर सुरक्षित स्थितियां बनाना, लोगों के जीवन में सुधार लाना और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करना तथा आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से एकजुट होकर निपटने के लिए मित्र देशों के साथ माहौल बनाना अन्य दो सिद्धांत हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में भारत के सुरक्षा परिदृश्य में मूलभूत बदलाव आया है। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया, जिसमें सीमा बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भरता' हासिल करना शामिल है।

उन्होंने आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए उठाए गए कई कदमों को भी सूचीबद्ध किया जिसमें सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना और वित्तीय वर्ष 2023-24 में रक्षा पूंजी खरीद बजट का 75 प्रतिशत घरेलू उद्योग के लिए निर्धारित करना शामिल है।

सिंह ने कहा, ‘‘भारत आयातित हथियारों पर निर्भर नहीं रहना चाहता। हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा तभी मजबूत होगी जब हम रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भर बनेंगे। हमारा उद्देश्य 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' है। हमारे प्रयासों के परिणाम सामने आ रहे हैं।’’

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत टैंक, विमान वाहक पोत, पनडुब्बियां और विभिन्न प्रकार के हथियारों का निर्माण कर रहा है और इसका रक्षा निर्यात 2014 से पहले 900 करोड़ रुपये से बढ़कर 16,000 करोड़ रुपये को पार कर गया है। उन्होंने कहा, ''अगले कुछ महीनों में निर्यात 20,000 करोड़ रुपये का आंकड़ा छू लेगा।''

सिंह ने प्रमुख रक्षा अध्यक्ष की नियुक्ति और सैन्य मामलों के विभाग के गठन सहित सरकार द्वारा किए गए संरचनात्मक सुधारों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, 'सरकार लगातार आगे बढ़ रही है और ‘थिएटर कमांड’ स्थापित करने के लिए काम किया जा रहा है, जो एक और क्रांतिकारी सुधार होगा।'

रक्षा मंत्री ने भारत के सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए अमेरिका और रूस जैसी प्रमुख विश्व शक्तियों के साथ समन्वय के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, ''भारत और अमेरिका को स्वाभाविक सहयोगी के रूप में देखा जा रहा है और उनकी रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जा रहा है।''

उन्होंने कहा कि सेना-से-सेना के बीच जुड़ाव, सूचना साझाकरण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता, साइबर, अंतरिक्ष और पारस्परिक रसद सहयोग क्षेत्र में विस्तार के साथ भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग तेजी से बढ़ा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा को एक ऐतिहासिक घटना करार दिया, जिसने एक नए युग में द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की शुरुआत की है।

उन्होंने वैश्विक खतरों और चुनौतियों से निपटने के लिए एकीकृत और एकजुट प्रतिक्रिया का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक प्रमुख क्षेत्रीय शक्ति है। इसलिए, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी सुरक्षा चिंताओं को अपने विस्तारित पड़ोस में अन्य देशों के साथ संरेखित करें।’’

सिंह ने भारत में एफ-414 लड़ाकू जेट इंजन के सह-उत्पादन के लिए जनरल इलेक्ट्रिक एयरोस्पेस-हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच समझौते का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस समझौते के तहत, हम जेट इंजन बनाने वाला चौथा देश बन जाएंगे। तेजस विमान में ये मेड इन इंडिया इंजन लगाये जाएंगे।’’

अमेरिका से एमक्यू-9बी ड्रोन की खरीद की कीमत और अन्य शर्तों को लेकर अटकलों को खारिज करते हुए, सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ड्रोन की खरीद लागत की तुलना जनरल एटॉमिक्स द्वारा अन्य देशों को दी जाने वाली सर्वोत्तम कीमत से करेगा। उन्होंने कहा, 'खरीद स्थापित खरीद प्रक्रिया का पालन करते हुए ही की जाएगी।’’

 










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