

यूपी के लखनऊ में अनीता सहगल “वसुन्धरा” की पहली कहानी संग्रह ‘नया सवेरा’ का विमोचन हुआ। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये खबर।
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में ग्लोबल क्रिएशन्स के तत्वावधान में मंगलवार को गोमतीनगर (Gomati Nagar) स्थित अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में भारत गौरव डॉ. अनीता सहगल 'वसुधरा' द्वारा लिखित प्रथम कहानी संग्रह 'नया सवेरा' (Naya Sawera) का भव्य विमोचन समारोह दीप प्रज्जवलित कर किया गया। समारोह में अतिथियों का स्वागत सत्कार दिनेश कुमार सहगल एवं डॉ. अनीता सहगल (Anita Sehgal) 'वसुन्धरा" द्वारा बुके, स्मृति चिन्ह और शाल उढ़ाकर किया गया। यह संग्रह समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है। साथ ही मानवीय संवेदनाओं को बारीकी से छूता है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक मुख्य अतिथि पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) ने इस अवसर पर कहा कि 'नया सवेरा' न केवल समाज के संघर्षों को प्रदर्शित करती है, बल्कि यह आशा और बदलाव की दिशा में प्रेरणा भी देती है। डॉ. अनीता सहगल ने इस संग्रह में बेहद संवेदनशील विषयों को खूबसूरती से उकेरा है, जो हर पाठक के दिल को छूएगा।
फिल्म अभिनेता संजय मिश्रा ने की तारिफ
फिल्म अभिनेता संजय मिश्रा (Sanjay Mishra) ने कहा कि अनीता सहगल बॉलीवुड में जाना माना नाम है। मैंने इनके साथ दो फिल्में की हैं। अभिनय में इनका कोई जवाब नहीं है। वह एक अच्छी लेखिका भी हैं। संजय मिश्रा ने कहा कि यह कितान निश्चित ही समाज में नया बदलाव लायेगी।
डॉ. शंभुनाथ ने की अध्यक्षता
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. शंभुनाथ (Shambhunath) ने कहा कि 'नया सवेरा उन कहानियों का संग्रह है, जो समाज के हर वर्ग को अपने साथ जोड़ने में सक्षम है। अनीता सहगल का लेखन सरल, स्पष्ट और प्रभावी है। यह पुस्तक साहित्य जगत में एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होगी।
डॉ. रति शंकर त्रिपाठी (Rati Shankar Tripathi) ने पुस्तक की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संग्रह न केवल कहानी कहने की कला को पुनः परिभाषित करता है, बल्कि मानवीय मूल्यों और सामाजिक मुद्दों पर गहरी दृष्टि भी प्रस्तुत करता है।
डॉ. हरि ओम (प्रमुख सचिव, समाज कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन) ने कहा, 'नया सवेरा' एक साहित्यिक कृति के रूप में समाज के बदलते परिवेश का सटीक प्रतिबिंब है। इसमें निहित कहानियाँ पाठकों को सोचने और जागरूक करने के लिए प्रेरित करती हैं।
'नया सवेरा' एक नई सुबह की तरह है
विशेष सचिव, ऊर्जा, उत्तर प्रदेश शासन श्री प्रशांत शर्मा (Prashant Sharma) ने पुस्तक के विषयों की सराहना करते हुए कहा कि इस पुस्तक में जीवन की कठिनाइयों के साथ-साथ उम्मीद और नई शुरुआत का संदेश भी छिपा है। 'नया सवेरा' वास्तव में साहित्य के क्षेत्र में एक नई सुबह की तरह है।
डॉ. अनिल कुमार (Anil Kumar) (निदेशक, सूडा, उत्तर प्रदेश सरकार) ने अपने संबोधन में कहा 'इस संग्रह की कहानियाँ जीवन के हर पहलू को स्पर्श करती हैं और समाज के विभिन्न मुद्दों पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत करती हैं।
मानस पटल पर अंकित
अविनाश कृष्ण सिंह, महानिदेशक तकनीकी शिक्षा ने कहा कि मैंने माननीय मुख्यमंत्री के कई कार्यक्रमों का संचालन होते हुए देखा है। उनके संचालन में उनकी वाकपुटता और शब्दों का चयन अद्वितीय होता है, जिससे संचालन में बोले गये शब्द मानस पटल पर अंकित हो जाते हैं। वही विद्या इस कहानी संग्रह में भी देखने को मिल रही है।
डॉ. अनीता सहगल न केवल साहित्य की दुनिया में एक प्रतिष्ठित नाम हैं, बल्कि उनके बहुमुखी लेखन ने उन्हें एक अद्वितीय स्थान दिलाया है। उन्होंने विभिन्न विधाओं में अपनी कलम को साधा है, जिनमें कहानियाँ, पटकथा लेखन, कविताएं और सामाजिक मुद्दों पर लेख प्रमुख हैं। उनके लेखन का उद्देश्य समाज में जागरूकता और सकारात्मक परिवर्तन लाना है।
डॉ. अनीता सहगल की लेखन यात्रा की शुरुआत विभिन्न राष्ट्रीय पत्रिकाओं में लेखन से हुई, जिनमें गृहशोभा, सरिता जैसी पत्रिकाएँ प्रमुख हैं। उन्होंने अपने साहित्यिक योगदान के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों के अनुभव और संघर्षा का शब्दों के माध्यम से जीवन्त किया है। उनके द्वारा लिखे गए गीत, कहानियाँ, और कविताएँ सामाजिक समस्याओं को उजागर करने के साथ-साथ मानवीय मूल्यों को भी संजीवनी प्रदान करते हैं।
राज्यपाल द्वारा किया जा चुका सम्मानित
डॉ. अनीता सहगल को राष्ट्रपति और राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उनकी पुस्तक 'नया सवेरा' समाज के संवेदनशील मुद्दों पर गहन दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए लोगों को अपने जीवन में नई शुरुआत करने की प्रेरणा देती है। उनके लेखन की सादगी और स्पष्टता साहित्य प्रेमियों के बीच विशेष रूप से सराही गई है। उनकी लेखनी पाठकों के दिलों को छूने और समाज में जागरूकता लाने का महत्वपूर्ण माध्यम बनी हुई है।