

यूपी के अमेठी में करोड़ों की लागत से बना सामुदायिक स्वास्थ्य केंन्द्र स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते जर्जर होकर गिरने लगा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
अमेठी: यूपी की योगी सरकार (Yogi Government) जीरो टॉलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) की बात कर रही है, लेकिन सरकार की नाक के नीचे बड़े- बड़े कारनामे हो रहे हैं। स्वास्थ्य राज्यमंत्री के क्षेत्र में करोड़ों की लागत से 15 साल पहले निर्मित सीएचसी(CHC) स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की भेंट चढ़ गया। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही (Negligence) और अनदेखी के चलते यह अस्पताल आज तक विभाग को हैंडओवर नहीं हुआ। सीएचसी चालू न होने की वजह से लोगों को इलाज कराने के लिए अमेठी के सीएचसी या फिर 30 किलोमीटर दूर का सफर करके जिला अस्पताल गौरीगंज जाना पड़ता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यह पूरा मामला भेटुआ ब्लॉक के लौकापुर गांव का है।
बता दें कि डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक (Brijesh Pathak) अमेठी प्रशासन को अस्पताल (Hospital) को जल्द से जल्द चालू करवाने के निर्देश दे चुके हैं, बावजूद एक साल बीतने को है, लेकिन अस्पताल चालू नहीं हो सका है।
15 साल पूर्व हुआ सीएचसी का निर्माण
दरअसल यह पूरा मामला भेटुआ ब्लॉक के लौकापुर गांव का है। सरकार ने यहां करीब 15 साल पहले सीएचसी का निर्माण कराया, लेकिन 15 सालों का समय बीतने के बाद भी यह सीएचसी स्वास्थ्य विभाग की लारवाही से विभाग को हैंड ओवर नहीं हो पाया।
अस्पताल को चालू करने के लिए ग्रामीणों ने कई बार आला अधिकारियों से शिकायत की लेकिन अधिकारियों ने कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा।
गौरतलब है कि15 सालों में कई सीएमओ आए, लेकिन किसी ने भी इस अस्पताल की सुध नहीं ली। विभाग की अनदेखी और रखरखाव की वजह से ये अस्पताल आज जर्जर होने लगा है।
सो पीस बना अस्पताल
गांव की महिला ग्राम प्रधान गुड़िया देवी ने कहा कि करीब 15 साल से ये अस्पताल बनकर तैयार है लेकिन आज तक सो पीस बनकर रह गया। अस्पताल न चलने से ग्रामीणों को बहुत परेशानी होती है और ग्रामीणों को इलाज कराने अमेठी सीएचसी या फिर जिला अस्पताल जाना पड़ता है।
ग्रामीणों को इलाज के लिए जाना पड़ता है 30 किमी दूर
ग्राम प्रधान ने बताया कि डिलीवरी के समय लोगों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सीएचसी चालू न होने की वजह से लोगों को इलाज कराने के लिए अमेठी के सीएचसी या फिर 30 किलोमीटर दूर का सफर करके जिला अस्पताल गौरीगंज जाना पड़ता है। इस अस्पताल को भाजपा नेता काशी तिवारी ने बनवाया था।
रखरखाव के अभाव में बन रहा खंडहर
ग्रामीण आनंद त्रिपाठी, सौरभ और कृष्ण कुमार ने कहा कि 15 वर्षों से अस्पताल बनकर तैयार है, लेकिन चालू नही हुआ। अगर ये अस्पताल चालू हो जाएगा तो कई गांवों के ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। रखरखाव के अभाव में करोड़ों की लागत से बना ये अस्पताल जर्जर होता जा रहा है।