इलाहाबादः सिर्फ शिक्षकों के साथ ही नहीं प्रशिक्षु शिक्षकों से भी हो रहा खिलवाड़
उत्तर प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था से किस तरह से खिलवाड़ किया जा रहा है यह प्रदेश के विभिन्न भागों में तैनात शिक्षकों के रोष से जाहिर हो रहा है। जबकि अब प्रशिक्षु शिक्षकों के साथ भी लापरवाही बरती जा रही है। आखिर बीटीसी के प्रशिक्षु शिक्षकों के अपने रिजल्ट को देखकर किसलिए उड़े होश। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
इलाहाबादः प्रदेश में न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है बल्कि प्रशिक्षु शिक्षकों का भविष्य में अधर में नजर आ रहा है। सहायक शिक्षक अपनी मांगों को लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन व धरना देने के मजबूर है। बावजूद इसके प्रदेश सरकार उनकी समस्याओं को दरकिनार कर रही है।
वहीं अब शिक्षा व्यवस्था से संबंधित एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। यह बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट(बीटीसी) 2015 के तृतीय सेमेस्टर के रिजल्ट में हुई गड़बड़ी से संबंधित है।
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बीटीसी का रिजल्ट देख कैसे उड़ें छात्रों के होश
1. बीटीसी का रिजल्ट इंटरनेट पर अपलोड होने के बाद से ही प्रशिक्षु शिक्षकों में न सिर्फ रोष उत्पन्न हो गया है बल्कि इन्हें अपने संबंधित विषयों में नंबरों को देखकर हैरानी हो रही है।
2. दो दिन पहले बीटीसी 2015 के तृतीय सेमेस्टर का परिणाम घोषित हुआ था। इसमें जो खामिया देखने को आई है उससे छात्रों के होश उड़े हुए हैं। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनके इस तरह से मार्क्स आएंगे।
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3. बीटीसी के परिणामों में छात्रों को अपने कुल अंकों से ज्यादा नंबर दिए गए हैं। इससे न सिर्फ बीटीसी की प्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं बल्कि शिक्षा व्यवस्था का भी माखौल बन रहा है।
4. बीटीसी में एक छात्र को जहां 25 में से 29 नंबर मिले हैं तो किसी को 25 में से 26, यानी कुल मिलाजुलाकर छात्रों को उनके निर्धारित अंकों से ज्यादा अंक मिले हैं। यह सब कैसे हुआ इस पर फिलहाल कोई बोलने को तैयार नहीं है।
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5. इंटरनेट में अपने अंकपत्र को डाउनलोड कर जब एक छात्र ने देखा कि उसे गणित में 25 में से 40 नंबर मिले हैं तो पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ लेकिन जब उसने अपने दोस्तों व खुद इसे दोबारा देखा तो यह माजरा उसकी समझ से बाहर था।
6. इससे पहले भी 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती परीक्षा के परिणामों में भी गड़बड़ी सामने आई थी। इस पर संबंधित अधिकारियों को शिक्षा विभाग निलंबित भी कर चुका है।
7. इतनी भारी गड़बड़ियों के बावजूद शिक्षा व्यवस्था से खिलवाड़ जारी है जो दिखाता है कि परीक्षा में प्रश्न पत्रों व परीक्षा परिणामों के लिए विभाग ने किस तरह से टीम गठित की है।
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8. बीटीसी के छात्रों का कहना है कि हमें तो समझ ही नहीं आ रहा है कि कैसे हमारे तृतीय सेमेस्टर में निर्धारित अंकों से ज्यादा अंक दिए गए हैं। जबकि कई छात्रों ने तो उत्तर पुस्तिका में पूरे प्रश्न भी हल नहीं किए थे।
9. अलग-अलग कॉलेजों की छात्राएं जो बीटीसी की तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा में बैठी थी इस खामी से खासी चिंतित दिख रही है।
10. एक छात्रा को संस्कृत में 25 में से 26 अंक दिए गए हैं वहीं कई अन्य प्रशिक्षुओं के साथ भी गड़बड़ी के मामले सामने आए है।