कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा पर तमाम नेताओं ने दी अपनी ये प्रतिक्रियाएं, सरकार पर हमले के साथ कहीं ये बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। पीएम मोदी की इस घोषणा के बाद देश के तमाम नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है। जानिए किसने क्या कहा। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान के बाद अलग दलों से नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। विपक्ष के नेता तीनों कृषि कानून वापस लेने पर सरकार के फैसले का स्वागत कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।अन्याय के ख़िलाफ़ यह जीत मुबारक हो। जय हिंद, जय हिंद का किसान।
देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 19, 2021
अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो!
जय हिंद, जय हिंद का किसान!#FarmersProtest https://t.co/enrWm6f3Sq
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा- आज सरकार को तीनों कृषि क़ानून वापस लेने पड़े हैं, राजनीति की वजह से यह वापस लिए गए हैं लेकिन मैं इसका स्वागत करता हूं। पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में हार के डर की वजह से यह क़ानून वापस लिए हैं। सरकार के ऊपर दबाव था आखिर में किसानों की जीत हुई।
BSP प्रमुख मायावती ने कहा- केंद्र सरकार ने कृषि क़ानूनों को देर से रद्द करने की घोषणा की है। यह फ़ैसला बहुत पहले ले लिया जाना चाहिए था। इसके लिए सभी किसानों को हार्दिक बधाई। यदि केंद्र सरकार यह फ़ैसला काफी पहले ले लेती तो देश अनेक प्रकार के झगड़ों से बच जाता।
आज प्रकाश दिवस के दिन कितनी बड़ी ख़ुशख़बरी मिली। तीनों क़ानून रद्द। 700 से ज़्यादा किसान शहीद हो गए। उनकी शहादत अमर रहेगी। आने वाली पीढ़ियाँ याद रखेंगी कि किस तरह इस देश के किसानों ने अपनी जान की बाज़ी लगाकर किसानी और किसानों को बचाया था। मेरे देश के किसानों को मेरा नमन
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 19, 2021
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- मैं सभी देशवासियों को गुरू नानक देव की जयंती पर बधाई देता हूं। आज के दिन किसानों को बहुत बड़ी सफलता मिली है। मैं देश के सभी किसानों को बधाई देता हूं। अगर ये 3 कृषी क़ानून पहले वापस हो जाते तो 700 किसानों की जान बचाई जा सकती थी।