

अलीगढ़ समेत छह जनपदों में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर परियोजना शुरू की थी। सरकार ने अलीगढ़ को 248.9600 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए थे, जिसमें 49 करोड़ खर्च ही नहीं हुए। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
अलीगढ़: प्रदेश सरकार के सबसे महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स में शामिल डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की प्रगति अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ती दिख रही है।
डाइनामाइट न्यूज संवादाता के अनुसार, उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अफसर न तो सरकार द्वारा जारी बजट को समय पर खर्च कर पा रहे हैं। इसके अलावा न ही परियोजना से संबंधित आवश्यक सूचनाएं शासन को भेज रहे हैं। नतीजतन अलीगढ़ जिले को परियोजना के लिए जारी किए गए 248.96 करोड़ रुपये में से अब तक 49 करोड़ रुपये खर्च ही नहीं हो सके हैं।
इस गंभीर उदासीनता को देखते हुए यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने अलीगढ़ समेत छह जिलों के अधिकारियों से जवाब-तलब किया है और साफ निर्देश दिए हैं कि उपयोगिता प्रमाण पत्र तत्काल लखनऊ भेजे जाएं, ताकि परियोजना की प्रगति की सटीक समीक्षा हो सके।
सरकार के प्रयास, अफसरों की सुस्ती
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना की घोषणा छह साल पहले अलीगढ़ के अंडला गांव में की गई थी। इसके तहत राज्य सरकार ने अलीगढ़, झांसी, चित्रकूट, कानपुर, लखनऊ और आगरा जनपदों को शामिल करते हुए रक्षा उत्पाद के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता लाने का संकल्प लिया था। 14 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अलीगढ़ में इसकी आधारशिला रखी थी।
सरकार द्वारा अलीगढ़ में 400 हेक्टेयर क्षेत्र में कॉरिडोर के लिए 248.96 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी। इस राशि से भूमि अधिग्रहण, अधोसंरचना निर्माण और औद्योगिक इकाइयों के लिए आवश्यक विकास कार्य किया जाना था। पहले चरण में 100 हेक्टेयर भूमि आवंटित कर 1500 करोड़ रुपये के निवेश की योजना है। अब तक 20 निवेशकों को भूमि आवंटित कर कब्जा दिलाया जा चुका है और 21 फैक्ट्रियां स्थापित होने की योजना है।
हर माह देनी थी जानकारी
शासन ने सभी संबंधित जिलों से हर माह की 5 तारीख को उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने के निर्देश दिए थे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि धन का उपयोग ठीक से हो रहा है या नहीं और आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि भी मुहैया कराई जा सके। लेकिन अलीगढ़ में तैनात यूपीडा अधिकारियों ने न तो समय पर बजट खर्च किया और न ही शासन को संतोषजनक जानकारी दी। यूपीडा के सीईओ ने अब इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए सभी छह जिलों के अधिकारियों को पत्र भेजकर जवाब मांगा है कि आखिर अब तक जारी धनराशि का पूर्ण उपयोग क्यों नहीं हो सका।
जिलाधिकारी ने जताया भरोसा
इस बीच जिलाधिकारी संजीव सुमन ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा, "जमीन अधिग्रहण के लिए हमारे पास धनराशि उपलब्ध है। हम जल्द ही इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे और निर्धारित भूमि लेकर उसका भुगतान करवाया जाएगा। उसी मद में शेष धनराशि खर्च की जाएगी।"