महराजगंजः कमीशन का खेल, एक ईओ को पांच जगह का चार्ज, सवालों के घेरे में जिले की प्रशासनिक व्यवस्था

डीएन संवाददाता

जिले के पांच क्षेत्रों में एक ही ईओ की तैनाती को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था संदेह और सवालों में घिर गई है। 5 क्षेत्रों के लिये 1 ईओ के होने से कार्य-योजनाओं को कैसे गति मिलेगी, इस बात को लेकर जिले की जनता संशय में है और उनका मानना है कि इस तरह की नियुक्ति कमीशनखोरी के बूते पर ही संभव हो सकती।

ईओ वीरेन्द्र कुमार राव
ईओ वीरेन्द्र कुमार राव


महराजगंजः नगर निकाय चुनावों के बाद जनता को उम्मीद थी की उनके क्षेत्रों में अधूरी योजनायें पूरी होगी और विकास कार्यों की नई नींव पड़ेंगी, लेकिन हालत आज भी जस के तस है। जब जिले के पांच क्षेत्रों के लिये एक ही ईओ की तैनाती होगी तो कार्य-योजनाओं का पटरी पर आना मुश्किल ही नहीं बल्कि नामुमकिन भी होगा। किसी को भी यह जानकर हैरानी हो सकती है कि जिले के पांच क्षेत्रों के लिये केवल एक ही ईओ यानि अधिशासी अधिकारी से काम चलाया जा रहा है। भारी भरकम जन-समुदाय वाले इन 5 क्षेत्रों में एक ईओ की तैनाती जनता के गले नहीं उतर रही है और वो इसे किसी बड़े गड़बड़झाले का परिणाम बता रही है। 

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पांच नगर पंचायत और दो नगर पालिका

जिले में पांच नगर पंचायत और दो नगर पालिका है, जिनमें महराजगंज और  नौतनवा नगर पालिका और बाकी नगर पंचायत हैं। इनमें से सिर्फ नौतनवा नगर पालिका में ईओ के रूप में वीरेन्द्र कुमार राव की तैनाती है। ईओ वीरेन्द्र कुमार राव को ही नौतनवा समेत पांच अन्य जगहों का भी चार्ज सौंपा गया है, जिसमें आनंदनगर,सोनौली, महराजगंज और निचलौल भी शामिल है। 

पटरी से हटे विकास कार्य

इस तरह देखा जाए तो जब जिले के दो नगरपालिका और पांच नगर पंचायतों में से, पांच जगहों के लिये एक ही ईओ की तैनाती हो तो यहां प्रशासनिक व्यवस्था का चरमराना और विकास कार्यों का पटरी पर न आ पाना स्वाभाविक है।

...टेढ़ी खीर साबित

सोचने वाली बात यह भी है कि सप्ताह में सरकारी कार्य के लिये 5-6 दिन का ही वक्त मिल पाता है। इन 5-6 दिनो में 5 अलग-अलग क्षेत्रों के काम की देखरेख करना किसी के लिये भी टेढ़ी खीर साबित हो सकती है। यदि दैनिक वर्किंग ऑवर की भी बात की जाये तो कोई किसी भी अधिकारी को 5 क्षेत्रों की विजीट के लिये कितना वक्त चाहिये होगा, इसका सहज अंदाजा लगया जा सकता है। इसलिये बड़ा सवाल उठता है कि आखिर इतने बड़े क्षेत्र के लिये एक ही ईओ से किस तरह प्रशासनिक काम चलाया जा रहा है?

जनता में आक्रोश

स्थानीय जनता में 5 क्षेत्रों के लिये एक ईओ की तैनाती को लेकर बड़ा आक्रोश और संशय है, उनका मानना है कि एक ईओ की तैनाती विकास कार्यों के लिये एक दुश्वपन जैसा है। इससे जनसमस्याओं का निपटारा कतई नही हो सकता।

कमीशनखोरी है वजह?

इस तरह की तैनाती किसी कमीशनखोरी की वजह या किसी गड़बड़झाले के बूते पर ही संभव हो सकती है। लोगों का कहना है कि इस बाबत वह जल्द जिम्मेदार लोगों के पास जायेंगे।

सरकार की प्राथमिकताओं को चुनौती

बता दें कि सितम्बर 2016 में नौतनवा में पहली पोस्टिंग पर आये आजमगढ़ निवासी अधिशासी ईओ वीरेन्द्र कुमार राव की जिले के 5 जगहों के नगर पंचायतों की तैनाती जिले की प्रशासनिक व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़ा करती है। सरकार जहां योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन को प्राथमिकता दे रही है, वहीं इस तरह की व्यवस्था सरकार की प्राथमिकताओं को चुनौती देने वाली जैसी लगती है।  










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