जल्लीकट्टू पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से आप विधायक का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

गोवा के आम आदमी पार्टी (आप) विधायक वेंजी विगास ने बृहस्पतिवार को कहा कि सांडों को वश में करने के खेल ‘जल्लीकट्टू’ को अनुमति देने वाले संशोधन अधिनियमों को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से उनके राज्य के पारंपरिक ‘धिरिओ’ खेल को वैध ठहराने की आस जगी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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पणजी: गोवा के आम आदमी पार्टी (आप) विधायक वेंजी विगास ने बृहस्पतिवार को कहा कि सांडों को वश में करने के खेल ‘जल्लीकट्टू’ को अनुमति देने वाले संशोधन अधिनियमों को बरकरार रखने के उच्चतम न्यायालय के फैसले से उनके राज्य के पारंपरिक ‘धिरिओ’ खेल को वैध ठहराने की आस जगी है।

गोवा में सांडों की लड़ाई से जुड़े खेल को ‘धिरिओ’ कहा जाता है और इस पर पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के उल्लंघन को लेकर पाबंदी लगा दी गयी है।

उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु, महाराष्ट्र और कर्नाटक के उन संशोधन अधिनियमों की वैधता पर बृहस्पतिवार को मुहर लगा दी जिनमें ‘जल्लीकट्टू’, बैलगाडियों की दौड़ और भैंसों की दौड़ ‘कांबला’ को अनुमति दी गयी है।

दक्षिण गोवा में बेनाउलिम क्षेत्र से विधायक विगास ने कहा कि जल्लीकट्टू पर शीर्ष अदालत का फैसला पशु क्रूरता रोकथाम (तमिलनाडु संशोधन) अधिनियम 2017 को सही ठहराता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ यह गोवा के पारंपरिक खेल को वैध बनाए जाने के लिए आशा की एक किरण है।’’

विगास ने कहा कि यदि क्रूरता के तत्व को गोवा के विशिष्ट विधान द्वारा न्यूनतम कर लिया जाता है तो यह कानून की कसौटी पर खरा उतर जाएगा।

गोवा विधानसभा के हालिया बजट सत्र में उन्होंने इस संबंध में एक निजी विधेयक भी पेश किया था।










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