आम आदमी पार्टी का केंद्र पर हमला, कहा- केंद्र सरकार को दिल्ली की मांग को पूरा करना चाहिए

डीएन ब्यूरो

आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 1994 के बाद से दिल्ली की आबादी कई गुना बढ़ी है, लेकिन शहर का पानी का हिस्सा नहीं बदला है और केंद्र से इसे बढ़ाने की मांग की गई है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज  (फाइल फोटो)
आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 1994 के बाद से दिल्ली की आबादी कई गुना बढ़ी है, लेकिन शहर का पानी का हिस्सा नहीं बदला है और केंद्र से इसे बढ़ाने की मांग की गई है।

वह जल्द ही दिल्ली मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले हैं।

भारद्वाज ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि ‘आप’ सरकार की प्राथमिकताओं में शिक्षा और स्वास्थ्य के अलावा बुनियादी ढांचा और दिल्ली के लोगों को स्वच्छ पानी उपलब्ध कराना भी है।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, “ हम दिल्ली की सड़कों का सौंदर्यीकरण करने की कोशिश कर रहे हैं और उन पर बेंच आदि लगा रहे हैं। कम से कम 10 स्थानों पर एक किलोमीटर लंबे रास्ते का पुनर्विकास किया गया है। अब योजना इसे दिल्ली के बाकी हिस्सों तक बढ़ाने की है।”

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष भारद्वाज ने कहा कि सरकार ने वादा किया है कि अगले चुनाव से पहले यमुना को साफ कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “ यमुना में जाने वाले सीवेज के पानी को हम रोकेंगे। अलग अलग सीवेज शोधन संयंत्र के जरिए पानी को साफ कर यमुना में छोड़ेंगे।”

भारद्वाज के मुताबिक, “ सभी अनधिकृत कॉलोनियों से मानव अपशिष्ट नालों में जाता है और फिर उन नालों से यमुना में प्रवाहित होता है। यह न केवल पर्यावरण के नियमों के खिलाफ है बल्कि सारा अपशिष्ट एक पवित्र नदी में चला जाता है।”

स्वच्छ यमुना सुनिश्चित करने के अलावा, एक और मुद्दा है जिससे दिल्ली जूझ रही है और वह पानी के सीमित स्रोत का है।

‘आप’ नेता ने कहा कि दिल्ली के पानी का हिस्सा 1994 में तय किया गया था और तब से आबादी बढ़ी है। उन्होंने कहा, “हमने केंद्र से अनुरोध किया है कि हमारे हिस्से का पानी आबादी के अनुपात में होना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “ देखिए, यह दिल्ली की आबादी नहीं है। दिल्ली एक ‘मिनी इंडिया’ है जहां उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार जैसे दूसरे राज्यों के लोग आकर बसे हैं। इसलिए हमें भारत के उस हिस्से का पानी मिलना चाहिए। हम इसके लिए केंद्र से मांग करते रहे हैं।”

वरिष्ठ ‘आप’ नेता ने कहा कि एक मंत्री के रूप में, उनकी प्राथमिकता सरकारी विभागों को लोगों के प्रति अधिक जवाबदेह बनानी की है।

दिल्ली सरकार से मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद भारद्वाज और आतिशी के नामों को मंत्री पद के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के पास भेजा गया है। सिसोदिया ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था जबकि धन शोधन मामले में जेल में बंद जैन ने भी त्याग पत्र दे दिया है।

ग्रेटर कैलाश से विधायक भारद्वाज ने यह भी कहा, “ मैं तब ‘इंडिया अगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन में गया था जब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र तेज़ी से बढ़ रहा था। मैं अच्छा पैसा कमा रहा था, कार्य और निजी जिंदगी के बीच संतुलन था।”

पूछा गया कि उन्होंने नौकरी क्यों छोड़ी तो उन्होंने कहा, “ यह अधिक रोमांचक नहीं था। मैंने सोचा कि एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करना लोगों से मिलने, सरकारों और विभागों को जवाबदेह बनाने के लिए अच्छा मंच होगा और उस तरीके को शायद बदल पाए जिससे शासन होता है।”










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