LGBT समुदाय के समावेशन के लिए प्रतिबद्ध है भारत के 60 प्रतिशत नियोक्ता, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

भारत के 60 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि उनका नियोक्ता संगठन कार्यस्थल पर एलजीबीटी+ समुदाय के समावेशन के लिए प्रतिबद्ध है। वैश्विक स्तर पर यह अनुपात 35 प्रतिशत है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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मुंबई: भारत के 60 प्रतिशत प्रतिभागियों का मानना है कि उनका नियोक्ता संगठन कार्यस्थल पर एलजीबीटी+ समुदाय के समावेशन के लिए प्रतिबद्ध है। वैश्विक स्तर पर यह अनुपात 35 प्रतिशत है।

डेलॉयट की बुधवार को जारी एक अध्ययन रिपोर्ट में यह आकलन पेश किया गया। यह अध्ययन कार्यस्थल पर समलैंगिक एवं ट्रांसजेंडर (एलजीबीटी) समुदाय के समावेशन की प्रवृत्ति पर किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 60 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागियों का मानना है कि उनका नियोक्ता आंतरिक एवं बाह्य दोनों स्तरों पर एलजीबीटी समुदाय के समावेशन की प्रतिबद्धता दर्शाता है। वैश्विक स्तर पर ऐसी राय रखने वाले प्रतिभागियों का अनुपात 35 प्रतिशत है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इसके साथ ही करीब तीन-चौथाई भारतीय एक अधिक समावेशी संगठन की तलाश में अपना नियोक्ता बदलने की भी सोच रहे हैं। वहीं वैश्विक औसत दोगुने से भी अधिक है।

रिपोर्ट कहती है कि भारत में एलजीबीटी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है। वहीं वैश्विक स्तर पर हर दसवें प्रतिभागी को इस सवाल का जवाब नहीं मालूम है।

यह रिपोर्ट जनवरी-फरवरी के दौरान एलजीबीटी कर्मचारियों के बीच कराए गए एक ऑनलाइन सर्वेक्षण पर आधारित है। इसमें ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, भारत, जापान, मेक्सिको, नीदरलैंड, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन और अमेरिका के प्रतिभागियों ने शिरकत की।










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