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ज्यादातर लोग 1 या 2 भाषाएं जानते हैं लेकिन भारत में एक लड़का है जो 400 भाषाएं का ज्ञान रखता है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट
नई दिल्ली: आमतौर पर लोग 1, 2 या ज्यादा से ज्यादा 3 भाषाएं बोल लेते हैं और साथ में लिख भी लेते हैं, लेकिन अगर हम आपसे कहें कि एक 19 साल का लड़का 1-2 नहीं बल्कि 400 भाषाएं जानता है तो आप हमारी तरह ही हैरान जरूर होंगे। हां ये बात सच हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, चेन्नई के रहने वाले 19 साल के महमूद अकरम ने अपनी अद्भुत भाषाई प्रतिभा से दुनिया को चौंका दिया है। अकरम 400 भाषाओं को पढ़ सकते हैं, लिख सकते हैं और साथ ही टाइप भी कर सकते हैं। इतना ही नहीं वे 46 भाषाओं में फ्लूएंटी बात भी कर सकते हैं।
बहुभाषी व्यक्तियों में शामिल हैं
अकरम की ये असाधारण क्षमता उन्हें दुनिया के सबसे बहुभाषी व्यक्तियों में शामिल करती है। अकरम ने मात्र 6 दिनों में अंग्रेजी वर्णमाला और तीन हफ्तों में तमिल लिपि को सीख लिया था। उनकी इस प्रतिभा के पीछे उनके पिता शिल्बी मोजिप्प्रियान का हाथ है, जो खुद 16 भाषाओं में निपुण हैं। आज, महमूद अकरम न केवल एक रिकॉर्ड होल्डर हैं, बल्कि दुनियाभर के विद्यार्थियों को भाषाएं सीखने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।
बचपन से सीख रहे हैं नई नई भाषाएं
अकरम के अंदर ये प्रतिभा रातों रात नहीं आई है, बल्कि वे बचपन से ही मेहनत कर रहे हैं। भाषाओं के प्रति रुचि उनके मन में बचपन में ही जाग गई थी। उनके बहुभाषाविद पिता ने उनकी इस प्रतिभा को पहचाना और बचपन से ही उन्हें अलग-अलग भाषाओं से परिचित कराया। अकरम की सीखने की गति असाधारण रही, जहां लोग महीनों में कोई नई भाषा सीखते हैं, वहीं उन्होंने मात्र 6 दिनों में अंग्रेजी वर्णमाला और तीन हफ्तों में तमिल लिपि सीख ली। बस फिर क्या था, ये सिलसिला यूं ही चल पड़ा और अब अकरम 400 भाषाएं जानते हैं और अब उनके नाम पर विश्व रिकॉर्ड भी है।
इतना ही नहीं वे भारत से लेकर म्यांमार और कंबोडिया तक में Language Workshops आयोजित करते हैं। अंग्रेज़ी साहित्य और एनीमेशन में उच्च शिक्षा भी प्राप्त कर रहे हैं।
महमूद का मानना है कि लगन और सही मार्गदर्शन से कोई भी व्यक्ति भाषाओं को सीख सकता है। वह नई नई language सीखने की Scientific Techniques का इस्तेमाल करते हैं और अपने अनुभवों को शेयर करने के लिए वर्कशॉप भी आयोजित करते हैं।
विदेशों में करते हैं वर्कशॉप्स
आज महमूद अकरम दुनियाभर में भाषाओं के प्रति रुचि जगाने का काम कर रहे हैं। वे अलग अलग देशों में जाकर वर्कशॉप करते हैं, जिससे विद्यार्थियों को नई भाषाएं सीखने में मदद मिल रही है।
अकरम की कहानी इस बात को साबित करती हैं कि अगर आप मेहनत करें और आप में प्रतिभा हो और परिवार का थोड़ा सहयोग मिल जाए तो आप किसी भी असंभव काम को संभव बना सकते हैं।