स्वाति सिंह ने अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन टूर्नामेंट में लहराया परचम, स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर रचा नया इतिहास

जालौन की दिव्यांग बेटी स्वाति सिंह ने युगांडा इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट-2025 में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 8 July 2025, 3:52 PM IST
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Jalaun: जालौन जिले के कोंच तहसील के ग्राम अमीटा की दिव्यांग बेटी स्वाति सिंह ने युगांडा के कंपाला में आयोजित युगांडा इंटरनेशनल बैडमिंटन टूर्नामेंट-2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीतकर जिले और प्रदेश का मान बढ़ाया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ की छात्रा स्वाति सिंह ने महिला एकल एसएल-5 वर्ग में रजत, महिला युगल एसयू-5 वर्ग में स्वर्ण और मिक्स्ड डबल्स में कांस्य पदक अपने नाम किया। यह प्रतियोगिता 1 जुलाई से 6 जुलाई तक आयोजित हुई, जिसमें 50 से अधिक देशों के दिव्यांग खिलाड़ियों ने भाग लिया।

फाइनल मुकाबले में मिला स्वर्ण पदक

दरअसल, 6 जुलाई को हुए फाइनल मुकाबले में स्वाति ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक हासिल किया और तिरंगा शान से लहराया। स्वाति की इस ऐतिहासिक उपलब्धि से जालौन जनपद में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षकों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने स्वाति को बधाई दी है।

Divyang Swati Singh created history

दिव्यांग स्वाति सिंह ने रचा इतिहास

माता-पिता ने जताया गर्व

स्वाति सिंह के पिता कमलेश कुमार और मां शकुंतला देवी ने बेटी की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि उसकी मेहनत रंग लाई है। स्वाति की इस सफलता से यह सिद्ध हो गया कि आत्मविश्वास और मेहनत से कोई भी शारीरिक सीमा आड़े नहीं आ सकती।

स्वाति ने जताया आभार

स्वाति सिंह ने फ़ोन पर बताया कि उन्हें जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय द्वारा टूर्नामेंट में प्रतिभाग के लिए बैडमिंटन किट व हवाई यात्रा के टिकट के लिए सहयोग प्रदान किया गया, जिसके लिए वह आभार प्रकट करती हैं। बता दें कि स्वाति की इस उपल्बधि से न सिर्फ जालौन जिले, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश का नाम रौशन कर दिया है। हर कोई उनकी इस जीत से पूरे इलाके में खुशी का माहौल है।

दिव्यगता नहीं बनी लाचारी

स्वाति सिंह नें कहा कि दिव्यांग होना कोई कमजोरी नहीं है। आत्मविश्वास और मेहनत से हर सपना साकार किया जा सकता है। मैं चाहती हूँ कि मेरी तरह हर दिव्यांग युवा अपने सपनों के लिए प्रयास करें। स्वाति सिंह आज केवल अपने परिवार की नहीं, बल्कि पूरे जालौन जनपद और उत्तर प्रदेश की प्रेरणा बन चुकी हैं।

Location : 
  • Jalaun

Published : 
  • 8 July 2025, 3:52 PM IST