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युवा सलामी बल्लेबाज़ प्रतीक रावल ने 2025 महिला वनडे विश्व कप में भारत को सेमीफाइनल तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई, लेकिन चोट के कारण फाइनल में खेल नहीं सकीं और उन्हें पदक नहीं मिला। हालांकि, व्हीलचेयर पर बैठकर उन्होंने ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाया।
प्रतीका रावल (Img: Internet)
Mumbai: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 2025 आईसीसी महिला वनडे विश्व कप फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर इतिहास रच दिया। इस शानदार जीत के बाद, टीम की 15 सदस्यीय खिलाड़ी पूरी टीम को पदक प्रदान किए गए। लेकिन एक खिलाड़ी, जिसने टूर्नामेंट में भारत के लिए दूसरे सबसे ज़्यादा रन बनाए और टीम को सेमीफाइनल तक पहुxचाने में अहम योगदान दिया, को न तो पदक मिला और न ही आधिकारिक रूप से विजेता टीम में शामिल किया गया।
यह खिलाड़ी कोई और नहीं बल्कि युवा सलामी बल्लेबाज़ प्रतीक रावल हैं। अपने पहले विश्व कप में, प्रतीक ने सात मैचों में छह पारियों में 51.33 की औसत से कुल 308 रन बनाए। उनकी सबसे यादगार पारी न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 122 रनों की मैच जिताऊ पारी रही, जिसने टीम को महत्वपूर्ण जीत दिलाई।
प्रतिका की शानदार प्रदर्शन के बावजूद, वह नवी मुंबई में बांग्लादेश के खिलाफ अंतिम लीग मैच के दौरान क्षेत्ररक्षण में चोट का शिकार हो गईं। इस कारण, टीम प्रबंधन ने उन्हें टूर्नामेंट के शेष मैचों के लिए बाहर कर दिया और शेफाली वर्मा को 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया। नतीजतन, प्रतीक को आधिकारिक विजेता टीम का हिस्सा नहीं माना गया और उन्हें पदक नहीं मिला।
I couldn’t fight on the field, but my heart never left the game every cheer, every tear was mine too🥺🏆 @BCCIWomen #IndianCricket
#SAvIND pic.twitter.com/o3zORzhhhi— Pratika Rawal (@PratikaRawal64) November 2, 2025
प्रतिका ने इस निर्णय पर कोई आपत्ति नहीं जताई। उन्होंने कहा कि “चोटें खेल का हिस्सा हैं, और मैं इस टीम का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करती हूं।”
फाइनल मैच में खेलने से वंचित होने के बावजूद, प्रतीक ने व्हीलचेयर पर स्टेडियम में जाकर मैच देखा। भारत की जीत के बाद मैदान पर उनका होना टीम के लिए एक प्रेरणादायक पल बन गया। प्रतीक ने कहा, “मेरे कंधे पर यह झंडा मेरे लिए सब कुछ है। टीम के साथ यहाँ खड़ा होना एक अद्भुत एहसास है। चोटें खेल का हिस्सा हैं, लेकिन इस विजेता टीम का हिस्सा बनना मेरे लिए गर्व की बात है।”
प्रतिका ने आगे बताया कि बाहर से मैच देखना खेल से भी कठिन था। उन्होंने कहा, “यह अविश्वसनीय है कि हमने आखिरकार विश्व कप जीत लिया। हर विकेट और हर छक्का मेरे लिए रोमांचकारी था। यह पल न केवल खिलाड़ियों बल्कि सभी प्रशंसकों के लिए भी बहुत ख़ास है।”
प्रतिका रावल की कहानी बताती है कि चाहे मैदान पर हो या बाहर, एक खिलाड़ी का समर्पण और टीम के लिए प्यार हमेशा याद किया जाएगा। उनकी मेहनत और प्रतिबद्धता ने टीम इंडिया की ऐतिहासिक जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, और युवा क्रिकेटर्स के लिए एक प्रेरणा बनी।