

टी20 वर्ल्ड कप 2026 की तैयारियों के तहत बीसीसीआई ने पूर्व कप्तान एमएस धोनी को टीम इंडिया का मेंटर बनने का प्रस्ताव दिया है। इस पर पूर्व क्रिकेटर मनोज तिवारी ने चुटकी लेते बड़ा बयान दे दिया है।
एमएस धोनी (Img: Internet)
MS Dhoni: भारत अगले टी20 वर्ल्ड कप 2026 की तैयारी में जुट चुका है, और इस बार की रणनीति में कुछ खास चेहरे शामिल हो सकते हैं। खबरों के अनुसार, बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने पूर्व कप्तान एमएस धोनी को एक बार फिर से टीम इंडिया का मेंटोर बनाने का प्रस्ताव दिया है। धोनी की अगुआई में भारत ने साल 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप जीता था। ऐसे में बोर्ड चाहता है कि उनके अनुभव और रणनीतिक सोच का फायदा युवा खिलाड़ियों को मिले।
धोनी को मेंटर बनाए जाने की अटकलों पर पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पश्चिम बंगाल के मंत्री मनोज तिवारी ने एक हल्के-फुल्के अंदाज में प्रतिक्रिया दी। समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, "क्या उन्होंने फोन उठाया? जहां तक मुझे जानकारी है, उनसे संपर्क करना काफी मुश्किल है।"
तिवारी ने बताया कि धोनी को फोन करना और उनका जवाब पाना आसान नहीं होता। उन्होंने कहा, "मैसेज का जवाब मिलना भी बहुत मुश्किल है, कई खिलाड़ी ऐसा अनुभव साझा कर चुके हैं। अगर वो मैसेज पढ़ते हैं, तो जवाब देंगे या नहीं, ये कहना मुश्किल है।"
एमएस धोनी (Img: Internet)
तिवारी ने यह भी कहा कि अगर धोनी को मेंटर बनने का ऑफर दिया गया है, तो सबसे बड़ा सवाल यह होगा कि क्या वे इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगे या नहीं। और अगर उन्होंने स्वीकार कर भी लिया, तो भी यह कहना जल्दबाजी होगी कि टीम इंडिया पर उनका कितना प्रभाव पड़ेगा।
हालांकि उन्होंने यह जरूर माना कि धोनी का अनुभव टीम के लिए उपयोगी होगा। तिवारी के अनुसार, "एक कप्तान और खिलाड़ी के तौर पर धोनी का अनुभव अहम है। टीम के युवा खिलाड़ी उन्हें बहुत सम्मान देते हैं और उनकी बातों को सुनते हैं।"
मनोज तिवारी ने आगे कहा कि यदि गौतम गंभीर मुख्य कोच और धोनी मेंटर के रूप में साथ आते हैं, तो यह एक रोमांचक जोड़ी होगी। तिवारी ने कहा, "धोनी और गंभीर की जोड़ी देखना दिलचस्प होगा।" दोनों ने 2007 और 2011 वर्ल्ड कप में भारत की सफलता में अहम भूमिका निभाई थी।
गौरतलब है कि एमएस धोनी 2021 टी20 वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया के मेंटर रह चुके हैं। हालांकि उस संस्करण में भारत को पाकिस्तान और न्यूजीलैंड से हार का सामना करना पड़ा था और टीम सुपर 12 के बाद ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई थी।
अब देखना यह होगा कि क्या धोनी दोबारा टीम की रणनीति का हिस्सा बनते हैं और युवा टीम को खिताब दिलाने में कोई भूमिका निभाते हैं या नहीं।