

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क को एक बार फिर त्वचा कैंसर का सामना करना पड़ा है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाक से कैंसरयुक्त गांठ हटाए जाने की जानकारी साझा की और लोगों को त्वचा की नियमित जांच कराने की सलाह दी।
माइकल क्लार्क को स्किन कैंसर (Img: Michael Clarke/Instagram)
Canberra: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज़ माइकल क्लार्क ने एक बार फिर अपने फैंस को चौंकाते हुए खुलासा किया है कि उन्हें दोबारा स्किन कैंसर का सामना करना पड़ा है। 44 वर्षीय क्लार्क ने यह खबर इंस्टाग्राम पर साझा करते हुए न केवल अपनी बीमारी की जानकारी दी, बल्कि सभी से नियमित स्वास्थ्य जांच कराने की भी संवेदनशील अपील की। उन्होंने बताया कि हाल ही में उनकी नाक से कैंसरयुक्त गांठ हटाई गई है और यह समय रहते की गई जांच की ही वजह से संभव हो पाया।
क्लार्क ने अपनी पोस्ट में लिखा, “त्वचा कैंसर एक वास्तविक बीमारी है, खासकर ऑस्ट्रेलिया में। आज मेरी नाक से एक और कैंसरयुक्त गांठ निकाली गई। यह एक दोस्ताना रिमाइंडर है कि अपनी त्वचा की जांच कराते रहें। रोकथाम इलाज से बेहतर है, लेकिन मेरे मामले में नियमित जांच और शुरुआती पहचान सबसे जरूरी है। शुक्र है कि डॉ. बिश सोलिमन ने समय रहते इसका पता लगा लिया।”
यह पहली बार नहीं है जब माइकल क्लार्क को त्वचा कैंसर का सामना करना पड़ा हो। 2006 में उन्हें पहली बार इस बीमारी का पता चला था। इसके बाद 2019 में भी उनकी त्वचा पर तीन गैर-मेलेनोमा घाव पाए गए थे। तब भी उन्होंने लोगों को धूप से बचने और त्वचा की नियमित जांच की सलाह दी थी।
ऑस्ट्रेलिया में त्वचा कैंसर के मामले दुनियाभर में सबसे ज्यादा हैं। इसका कारण है देश की उच्च पराबैंगनी (UV) विकिरण स्तर, भूमध्य रेखा के करीब स्थित होना और श्वेत आबादी का ज्यादा प्रतिशत। आँकड़ों के अनुसार, हर तीन में से दो ऑस्ट्रेलियाई 70 साल की उम्र तक पहुंचने से पहले त्वचा कैंसर से प्रभावित होते हैं।
त्वचा कैंसर तब होता है जब त्वचा की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। इसका मुख्य कारण सूरज की UV किरणों या टैनिंग बेड के ज्यादा इस्तेमाल को माना जाता है। हालांकि, अगर समय रहते पहचान हो जाए तो इसका इलाज संभव है। नियमित जांच और त्वचा की सुरक्षा ही इससे बचाव के सबसे असरदार तरीके हैं।
माइकल क्लार्क ने 2003 से 2015 तक ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट खेला। उन्होंने 115 टेस्ट मैचों में 8643 रन, 245 वनडे में 7981 रन और 34 टी20 इंटरनेशनल में 488 रन बनाए। कप्तान के तौर पर उन्होंने 2015 का वनडे वर्ल्ड कप जिताया और कुल 47 टेस्ट, 74 वनडे, और 18 टी20 मैचों में टीम का नेतृत्व किया। उनकी आक्रामक रणनीति और जुझारू नेतृत्व ने उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के इतिहास में खास स्थान दिलाया।