New Delhi: टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह इस समय अपनी फिटनेस और वर्कलोड मैनेजमेंट को लेकर काफी ध्यान दे रहे हैं। इसी वजह से वह एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2025 के आखिरी टेस्ट मैच में नहीं खेल रहे हैं। बुमराह ने लगातार तीनों फॉर्मेट में खेलते हुए अपने शरीर को संभालने के लिए कुछ ब्रेक लेना जरूरी समझा है। इंग्लैंड दौरे के बाद टीम इंडिया को एशिया कप 2025 खेलना है, लेकिन रिपोर्ट्स की मानें तो बुमराह का इस टूर्नामेंट में खेलना मुश्किल लगता है।
बुमराह एशिया कप से बाहर!
पीटीआई की रिपोर्ट्स के अनुसार जसप्रीत बुमराह के एशिया कप 2025 में खेलने की संभावना कम है। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल के बाद से बुमराह ने टी20 फॉर्मेट में कोई मैच नहीं खेला है। भारतीय टीम मैनेजमेंट उनकी फिटनेस को लेकर काफी सावधानी बरत रहा है और बड़े टूर्नामेंट या अहम सीरीज के लिए ही उनका इस्तेमाल कर रहा है। यदि बुमराह एशिया कप मिस करते हैं, तो युवा तेज गेंदबाजों को मौका मिलेगा। फिलहाल टी20 टीम में अर्शदीप सिंह की जगह लगभग तय है, जबकि अन्य गेंदबाज टीम में अंदर-बाहर होते रहते हैं।
NO BUMRAH IN ASIA CUP🚨
Jasprit Bumrah likely to miss Asia cup 2025 due to workload Management 💔 pic.twitter.com/tmcjJjmcS2
— 🐐 (@wOjesh18) August 2, 2025
कब होगी बुमराह की वापसी?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुमराह अक्टूबर में होने वाली वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज में वापसी कर सकते हैं। इसके बाद वह ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम का हिस्सा होंगे। बुमराह की वापसी से टीम इंडिया को तेज गेंदबाजी में मजबूती मिलेगी। टी20 वर्ल्ड कप 2026 से पहले बुमराह एक टी20 सीरीज जरूर खेलेंगे ताकि वह पूरी तरह से टूर्नामेंट के लिए तैयार हो सकें।
बुमराह का हालिया प्रदर्शन
हालांकि बुमराह फिटनेस के चलते कम मैच खेल रहे हैं, लेकिन जब भी मैदान पर आते हैं, शानदार प्रदर्शन करते हैं। उनका फॉर्म काफी अच्छा है और वह टीम के लिए महत्वपूर्ण गेंदबाज बने हुए हैं। टीम मैनेजमेंट भी उनकी काबिलियत को समझते हुए उनका ध्यान खास रख रहा है ताकि वह लंबे समय तक टीम के लिए खेल सकें।
क्यों बाहर होंगे जसप्रीत?
जसप्रीत बुमराह की फिटनेस को देखते हुए टीम इंडिया ने उनकी वर्कलोड मैनेजमेंट पर जोर दिया है। फिलहाल उनका एशिया कप 2025 में खेलना मुश्किल लग रहा है, लेकिन वे अक्टूबर में शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में वापसी कर सकते हैं। इससे टीम को लंबी अवधि में फायदा होगा और युवा खिलाड़ियों को भी अपनी छाप छोड़ने का मौका मिलेगा।

