

जयपुर के भरे हुए सवाई मानसिंह स्टेडियम में वैभव सूर्यवंशी ने 11 छक्के और 7 चौकों की बारिश कर दी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
IPL में वैभव सूर्यवंशी ने रचा इतिहास
नई दिल्ली: सर आज मैं मारूंगा... ये शब्द कहे थे 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने, IPL इतिहास की सबसे यादगार पारी खेलने से पहले। अपने आईपीएल करियर की शुरुआत ही छक्के से करने वाले वैभव ने इस पारी के लिए पहले ही मन बना लिया था। अपने कोच से बात करते हुए उन्होंने कहा था, सर, आज मैं मारूंगा और वैभव ने वहीं किया। गुजरात के गेंदबाजों को ऐसी मार पड़ी कि, 210 रन का टार्गेट केवल 15.5 ओवर में ही हासिल हो गया। वैभन ने 35 गेंदों में शतक लगाकर इतिहास रच दिया और अब वैभव सूर्यवंशी का नाम हर जुबान पर है।
जयपुर के भरे हुए सवाई मानसिंह स्टेडियम में वैभव ने 11 छक्के और 7 चौकों की बारिश कर दी, जबकि उनके सामने ईशांत शर्मा, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, वॉशिंगटन सुंदर, राशिद खान और करीम जनत जैसे इंटरनेशनल सितारे थे. लेकिन भीड़ के नारे गूंजते रहे, लेकिन वैभव बिना रुके गेंदबाजों का खेल बिगाड़ते रहे. उन्होंने मात्र 35 गेंदों में गुजरात टाइटंस के खिलाफ अपना शतक पूरा किया. वैभव की पारी का एक्साइटमेंट ऐसा था कि व्हीलचेयर पर बैठे राजस्थान के कोच राहुल द्रविड़ भी खड़े हो गए। उन्होंने दोनों हाथ उठाकर वैभव का मनोबल बढ़ाया।
राज्सथान रॉयल्स की तरफ से खेलने वाले वैभव ने लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ मुकाबले में शार्दुल ठाकुर की अपनी पहली आईपीएल गेंद पर छक्का जड़कर धमाकेदार एंट्री की घोषणा कर दी थी, वहीं इससे पहले उन्हें कहते भी देखा गया था कि अगर कोई पहली गेंद पर ही छक्का मार दे तो क्या हो... इस मैच में आउट होने के बाद वह रोते हुए पवेलियन वापस गए थे, लेकिन इस बार जो उन्होंने किया है वो इतिहास के पन्नों में छप गया है। वैभव ने जिस बेखौफ अंदाज में गेंदबाजों की धुनाई की उसे देख सचिन तेंदुलकर और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज भी उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले सूर्यवंशी ने शतक जड़ने के बाद सबसे पहले कॉल अपने पिता को किया, जिसका वीडियो राज्स्थान रॉयल्स ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से शेयर किया है। वैभव अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता पिता को देते हैं, वैभव के पिता घर में अकेले कमाने वाले थे फिर भी उन्होंने अपने बच्चे का करियर बनाने और क्रिकेट पर पूरा ध्यान देने के लिए अपना काम छोड़ दिया। घर संभालने का काम वैभव के बड़े भाई ने किया। वैभव के पिता पेशे से तो एक किसान हैं, लेकिन उनकी आंखों में बेटे लिए क्रिकेटर बनाने का सपना था। गांव में खेल के लिए अच्छी ट्रेनिंग और कोचिंग की व्यवस्था उपलब्ध नहीं थी, जिसके चलते वैभव के पिता ने अपनी जमीन बेच दी और वैभव के लिए उनके पिता ने सब कुछ दांव पर लगा दिया। वह खुद अपने बेटे के लिए टिफिन पैक करते थे। वैभव 10 साल के थे तो वह अपने से बड़ी उम्र के लड़कों के साथ नेट्स प्रैक्टिस कर एक दिन में 600 से ज्यादा गेंदें खेलते थे। वैभव के पिता की ये मेहनत बेकार नहीं गई। महज 14 साल की उम्र में वैभव ने वो कर दिखाया जो बड़े बड़े भी नहीं कर पाते।
वैभव सूर्यवंशी की उपल्ब्धियों की बात की जाए तो गुजरात टाइटन्स के खिलाफ महज 35 गेंदों में शतक जड़कर आईपीएल में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। 28 अप्रैल को उनके जादुई शतक के दम पर राजस्थान रॉयल्स ने जीत के लिए 210 रनों का लक्ष्य 25 गेंदें बाकी रहते हासिल कर लिया। आईपीएल के इतिहास का यह दूसरा सबसे तेज शतक है। वह पुरुष टी20 क्रिकेट में शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी भी बने। वह 38 गेंदों में 101 रन बनाकर आउट हुए आईपीएल में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड वेस्टइंडीज के क्रिस गेल के नाम है, जिन्होंने अप्रैल 2013 में पुणे वॉरियर्स के खिलाफ रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरू के लिए 30 गेंदों में शतक जमाया था।
कल की पारी देखने के बाद ये कहना बिलकुल गलत नहीं होगा कि वैभव ने इस मैच की स्क्रिप्ट अपने बल्ले से लिखी थी। अब देखना होगा कि आने वाले मैचों में वैभव सूर्यवंशी क्या कर दिखाते हैं।