पैड पहनकर घूमते रहे… लेकिन नहीं पसीजा गिल का दिल, पहले बल्लेबाजी करने आते तो इतिहास रच देते जडेजा

रवींद्र जडेजा ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ टेस्ट सीरीज में बेहतरीन प्रदर्शन किया और मैन ऑफ द सीरीज चुने गए। हालांकि, वे 4,000 रन और 300 विकेट के खास क्लब में शामिल नहीं हो पाए क्योंकि कप्तान शुभमन गिल ने उन्हें बल्लेबाजी के लिए ऊपरी क्रम में नहीं भेजा।

Post Published By: Mrinal Pathak
Updated : 14 October 2025, 4:21 PM IST
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New Delhi: पिछले कुछ वर्षों में टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए रवींद्र जडेजा का योगदान उनके आंकड़ों से साफ झलकता है। वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल ही में खत्म हुई टेस्ट सीरीज में जडेजा को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया, लेकिन वे एक महत्वपूर्ण क्लब में शामिल होने से चूक गए। यह क्लब है 4,000 रन और 300 विकेट का जादुई क्लब, जिसमें अभी तक वे शामिल नहीं हो पाए हैं।

गिल की वजह से इतिहास नहीं रच पाए जडेजा

दिल्ली टेस्ट के पांचवें दिन टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज को 7 विकेट से हराकर सीरीज 2-0 से अपने नाम की। जडेजा मैच की सुबह से ड्रेसिंग रूम में तैयार घूम रहे थे और उम्मीद थी कि उन्हें पहले बल्लेबाजी करने भेजा जाएगा ताकि वे इस खास क्लब में शामिल हो सकें। लेकिन कप्तान शुभमन गिल ने ऐसा नहीं किया। जैसे ही साई सुदर्शन आउट हुए, गिल खुद मैदान पर आए। जडेजा को बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला और उन्हें अब दिसंबर तक इंतजार करना होगा।

कप्तान ने अपने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने के फैसले पर जोर दिया, जबकि जडेजा ने ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी की इच्छा जताई थी। शुभमन गिल ने चौथा नंबर छोड़ने से मना किया और न ही ध्रुव जुरेल का नंबर बदला। इसके कारण जडेजा के बल्ले से वह रन नहीं आए जो उन्होंने चाहा था। वह 4,000 रन के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाए।

छठे नंबर पर बल्लेबाजी से जडेजा का खेल बेहतर हुआ

रवींद्र जडेजा ने हाल ही में बताया कि छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने से उन्हें एक बेहतर बल्लेबाज की तरह सोचने में मदद मिली है। उन्होंने इसका श्रेय टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर को दिया। गंभीर के सुझाव के बाद जडेजा ने अपनी सोच में बदलाव किया और अपनी बल्लेबाजी में सुधार महसूस किया।

उन्होंने कहा, "पहले मैं आठवें या नौवें नंबर पर बल्लेबाजी करता था, जहां मानसिकता अलग होती है। अब छठे नंबर पर मैं एक शुद्ध बल्लेबाज की तरह सोचता हूँ, जिससे मेरा खेल बेहतर हुआ है।" जडेजा ने अपनी भूमिका को लेकर भी कहा कि वह टीम की जीत के लिए बल्ले और गेंद दोनों से योगदान देना चाहते हैं।

जडेजा बने प्लेयर ऑफ द सीरीज

36 वर्षीय जडेजा ने वेस्टइंडीज़ के खिलाफ अहमदाबाद टेस्ट में आठ विकेट लिए और 104 रन बनाए, जिससे वे मैन ऑफ द सीरीज चुने गए। उनका यह हरफनमौला प्रदर्शन टीम इंडिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण रहा।

जडेजा का कहना है कि वे रिकॉर्ड्स को लेकर ज्यादा नहीं सोचते, बल्कि अपनी टीम को जीत दिलाने पर फोकस करते हैं। वे बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं ताकि अपनी भूमिका को साबित कर सकें।

रवींद्र जडेजा भारतीय क्रिकेट के एक बेहतरीन ऑलराउंडर हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपनी बहुमुखी प्रतिभा से टीम को मजबूती दी है। हालांकि 4,000 रन और 300 विकेट का क्लब अभी उनका इंतजार कर रहा है, पर जडेजा की मानसिकता और समर्पण उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद करेगा। उनके छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने का अनुभव उनके खेल को नए आयाम देने वाला साबित हुआ है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 14 October 2025, 4:21 PM IST