

एशिया कप में टीम इंडिया बिना टाइटल स्पॉन्सर के उतरेगी क्योंकि ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 के कारण बीसीसीआई और ड्रीम11 के बीच साझेदारी खत्म हो गई है। बोर्ड ने नए स्पॉन्सरशिप के लिए बेस प्राइस बढ़ा दिया है और 16 सितंबर को नई बोली लगाएगा।
बीसीसीआई (Img: Internet)
New Delhi: एशिया कप 2025 में भारतीय क्रिकेट टीम बिना टाइटल स्पॉन्सर के खेलती नजर आएगी। इसका मुख्य कारण ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 का लागू होना है, जिसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और ड्रीम11 के रास्ते अलग हो गए हैं। बीसीसीआई अब नए टाइटल स्पॉन्सर की तलाश में है और इस संबंध में हाल ही में टेंडर भी जारी किए गए हैं। वहीं, बोर्ड ने टीम इंडिया के स्पॉन्सरशिप के लिए बेस प्राइस बढ़ाने का भी बड़ा फैसला लिया है।
बीसीसीआई ने द्विपक्षीय मैचों के लिए नया बेस प्राइस 3.5 करोड़ रुपये और बहुपक्षीय मैचों (जैसे आईसीसी और एसीसी टूर्नामेंट) के लिए 1.5 करोड़ रुपये तय किया है। ये दरें ड्रीम11 द्वारा दी जा रही वर्तमान कीमतों से थोड़ी अधिक हैं। पहले बीसीसीआई को द्विपक्षीय मैचों के लिए 3.17 करोड़ रुपये और बहुपक्षीय मैचों के लिए 1.12 करोड़ रुपये मिलते थे। अब नई दरों के अनुसार बोर्ड को द्विपक्षीय मैचों से लगभग 10% और बहुपक्षीय मैचों से करीब 3% अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है।
द्विपक्षीय मैचों में स्पॉन्सर की ब्रांडिंग खिलाड़ियों की जर्सी के सामने (छाती) पर होती है, जिससे ब्रांड को अधिक प्रचार और पहचान मिलती है। वहीं, आईसीसी और एसीसी टूर्नामेंटों में स्पॉन्सर का लोगो जर्सी की आस्तीन पर होता है, जो प्रचार के लिहाज से कम प्रभावी माना जाता है। इसलिए द्विपक्षीय सीरीज के लिए बेस प्राइस ज्यादा रखा गया है।
NEWS 🚨 - BCCI announces the release of the Invitation for Expression of Interest for National Team Lead Sponsor Rights
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— BCCI (@BCCI) September 2, 2025
बीसीसीआई अगले तीन सालों के लिए टीम इंडिया के स्पॉन्सरशिप अधिकार बेचने की योजना बना रहा है। इस दौरान लगभग 130 मैच खेले जाएंगे, जिनमें 2026 टी20 विश्व कप और 2027 वनडे विश्व कप भी शामिल हैं। नए बेस प्राइस के आधार पर बीसीसीआई को 400 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होने की संभावना है, और यह आंकड़ा भविष्य में और बढ़ सकता है।
टीम इंडिया के स्पॉन्सरशिप अधिकारों के लिए बोली 16 सितंबर को लगाई जाएगी। इसका मतलब है कि 9 सितंबर से शुरू हो रहे एशिया कप के लिए नया स्पॉन्सर मिलने की संभावना कम है। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल कोई अंतरिम स्पॉन्सरशिप व्यवस्था बनाने की योजना नहीं है।
बीसीसीआई ने साफ किया है कि इस बार गेमिंग, सट्टेबाजी, क्रिप्टोकरेंसी और तंबाकू से जुड़ी कंपनियां स्पॉन्सरशिप के लिए आवेदन नहीं कर सकेंगी। साथ ही, स्पोर्ट्सवियर ब्रांड, बैंकिंग और वित्तीय संस्थान, सॉफ्ट ड्रिंक्स, पंखे, मिक्सर ग्राइंडर, सेफ्टी लॉक और बीमा कंपनियां भी इस प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगीं, क्योंकि ये उनके वर्तमान प्रायोजकों के साथ टकराव में आ सकती हैं।