

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ऐसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जो भारत की कृषि, ऊर्जा और अंतरिक्ष नीति को एक नई दिशा दे सकते हैं। जहां एक ओर किसानों के लिए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को हरी झंडी दी गई, वहीं दूसरी ओर एनटीपीसी और एनएलसी को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हजारों करोड़ के निवेश की मंजूरी मिली।
किसानों को मिलेगा नया जीवन (सोर्स इंटरनेट)
New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ऐसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए गए, जो भारत की कृषि, ऊर्जा और अंतरिक्ष नीति को एक नई दिशा दे सकते हैं। जहां एक ओर किसानों के लिए 'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' को हरी झंडी दी गई, वहीं दूसरी ओर एनटीपीसी और एनएलसी को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में हजारों करोड़ के निवेश की मंजूरी मिली। खास बात यह रही कि भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी पर कैबिनेट ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर ऐतिहासिक मिशन को सलाम किया।
कैबिनेट ने 36 मौजूदा कृषि योजनाओं को मिलाकर एक समेकित योजना प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी है। यह योजना छह वर्षों में लगभग 1.44 लाख करोड़ रुपये का खर्च लेकर आएगी, जिसका वार्षिक परिव्यय 24,000 करोड़ रुपये होगा। योजना का लाभ 100 जिलों में केंद्रित होगा। करीब 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की संभावना है।
फसल विविधिकरण, टिकाऊ कृषि, भंडारण क्षमता और सिंचाई के आधुनिक तरीकों को प्रोत्साहित किया जाएगा। सूचना व प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, “यह योजना केवल अनाज उत्पादन तक सीमित नहीं होगी, बल्कि किसान की आय को कई गुना बढ़ाने के लिए पूरा कृषि इकोसिस्टम सुधारने पर ध्यान देगी।”
एनएलसी इंडिया लिमिटेड (NLCIL) को उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली कंपनी एनएलसी इंडिया रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NIRL) में 7,000 करोड़ रुपये तक के निवेश की विशेष अनुमति दी गई है। खास बात यह है कि अब NIRL को इस निवेश के लिए किसी पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। सरकार का यह कदम नवरत्न सीपीएसई के निवेश नियमों में लचीलापन दिखाता है, जिससे भारत की ग्रीन एनर्जी क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।
एनटीपीसी और उसकी सहायक कंपनी एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (NGEL) को 20,000 करोड़ रुपये तक के निवेश की मंजूरी दी गई है। सरकार का लक्ष्य है कि 2032 तक 60 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल की जा सके। इस निवेश से भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। चौबीस घंटे विश्वसनीय बिजली आपूर्ति को संभव बनाया जा सकेगा। ग्रीन हाइड्रोजन, सोलर और विंड सेक्टर में निवेश बढ़ेगा।
कैबिनेट मीटिंग के भावनात्मक क्षण में, अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सफल वापसी पर सर्वसम्मति से सरकारी स्तर पर उनका अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने हाल ही में 18 दिन का ऐतिहासिक मिशन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर पूरा किया है। अश्विनी वैष्णव ने कहा, “यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा में मील का पत्थर है। शुभांशु न केवल विज्ञान के प्रतिनिधि हैं, बल्कि भारत की अनंत आकांक्षाओं का प्रतीक भी हैं।”