

टेक्नोलॉजी की दुनिया की दिग्गज कंपनी Microsoft ने एक देश को बड़ा झटका दिया है। कंपनी ने 25 साल बाद भारत के दुश्मन देश से अपना ऑपरेशन बंद करने का फैसला लिया है। यह कदम पाकिस्तान की तकनीकी और कारोबारी दुनिया के लिए एक नकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
दिग्गज टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट
New Delhi: टेक्नोलॉजी की दुनिया की दिग्गज कंपनी Microsoft ने एक देश को बड़ा झटका दिया है। कंपनी ने 25 साल बाद भारत के दुश्मन देश से अपना ऑपरेशन बंद करने का फैसला लिया है। यह कदम पाकिस्तान की तकनीकी और कारोबारी दुनिया के लिए एक नकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
साल 2000 में Microsoft ने पाकिस्तान में अपने संचालन की शुरुआत की थी। हालांकि, कंपनी का वहां कभी कोई फुल कॉर्पोरेट ऑफिस नहीं था, फिर भी Microsoft ने शिक्षा, सरकारी संस्थानों, और उद्यमिक क्षेत्रों में गहरी पैठ बनाई। शिक्षा के क्षेत्र में Microsoft ने उच्च शिक्षा आयोग (HEC) पंजाब ग्रुप ऑफ कॉलेज (PGC) जैसे संस्थानों के साथ साझेदारी की थी। Microsoft Teams और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से छात्रों और शिक्षकों को डिजिटल स्किल्स और रिमोट लर्निंग की सुविधा दी गई।सरकारी क्षेत्र में भी Microsoft ने 200 से अधिक हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूशंस को टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशन उपलब्ध कराए,ऑनलाइन ट्रेनिंग सेंटर्स और डिजिटल लर्निंग कोर्सेस शुरू किए थे।
Microsoft के पूर्व कंट्री मैनेजर जवाद रहमान, जो 2000 से 2007 तक कंपनी से जुड़े रहे, ने कहा , “यह निर्णय पूरी तरह से बिजनेस-ओरिएंटेड है। पाकिस्तान का वर्तमान वातावरण बहुराष्ट्रीय कंपनियों के लिए उपयुक्त नहीं रहा।” वह मानते हैं कि राजनीतिक अस्थिरता, अर्थव्यवस्था की गिरती हालत, निश्चित व्यापारिक नीतियों का अभाव, विदेशी निवेशकों के लिए अनिश्चित माहौल, इन सभी वजहों ने कंपनियों को पाकिस्तान से दूरी बनाने पर मजबूर किया है।
Microsoft के इस फैसले पर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने भी चिंता जताई है।
उन्होंने कहा: "राजनीतिक उठापटक, बार-बार सरकार बदलना, कानून-व्यवस्था की गिरावट, मुद्रा का अस्थिर रहना और व्यापार में अनावश्यक जटिलताएं, ये सब ऐसी स्थितियां हैं जो वैश्विक कंपनियों को पाकिस्तान छोड़ने पर मजबूर कर रही हैं।"
theregister.com की रिपोर्ट के अनुसार, Microsoft ने साफ किया है कि वह पाकिस्तान में अपने ऑपरेटिंग मॉडल में बदलाव कर रही है। हालांकि, “इससे कंपनी की सेवाओं या कस्टमर एग्रीमेंट्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा।” इसका अर्थ यह है कि Microsoft के प्रोडक्ट्स और ऑनलाइन सेवाएं पाकिस्तान में उपलब्ध रहेंगी, लेकिन कंपनी की स्थानीय कार्यशैली और संचालन का तरीका बदल जाएगा।