

हरियाणा सरकार ने वरिष्ठ IPS अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में गंभीर आरोपों के बाद रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया को पद से हटा दिया है। सरकार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
IPS सुसाइड केस में एक्शन
Rohtak: हरियाणा सरकार ने वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में गंभीर आरोपों के बाद रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारणिया को पद से हटा दिया है। उनकी जगह सुरेंद्र सिंह भोरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर को भी लंबी छुट्टी पर भेजे जाने की संभावना है। उनकी जगह ओ.पी. सिंह को कार्यवाहक डीजीपी के रूप में नियुक्त किया जा सकता है।
आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार ने अपनी आत्महत्या से पहले एक पत्र में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारणिया पर जातिवाद, मानसिक उत्पीड़न और झूठे मामलों में फंसाने के आरोप लगाए थे। ये आरोप हरियाणा पुलिस में मौजूद गंभीर समस्याओं को उजागर करते हैं।
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पूरे मामले में मृतक की पत्नी और आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मुलाकात कर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस ने आठ वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया।
अमनीत पी. कुमार ने आरोप लगाया कि उनके पति को लगातार मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा और उनके खिलाफ झूठे मामले बनाए गए, जिससे वे आत्महत्या के लिए मजबूर हुए।
राज्य सरकार ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
नए एसपी सुरेंद्र सिंह भोरिया को रोहतक जिले में कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने और इस संवेदनशील मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
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यह घटना हरियाणा पुलिस में आंतरिक प्रशासनिक सुधारों की आवश्यकता को स्पष्ट करती है। राज्य सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह इस मामले में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।