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विवाह पंचमी 25 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। भगवान राम और माता सीता के विवाह दिवस के रूप में मनाए जाने वाले इस दिन को पूजा के लिए शुभ माना जाता है, लेकिन विवाह अनुष्ठान नहीं किए जाते। जानें इसका कारण और इस दिन पूजा से मिलने वाले फल।
विवाह पंचमी पर शादी क्यों नहीं होती?
New Delhi: अगहन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाने वाली विवाह पंचमी का पर्व इस साल 25 नवंबर को पड़ रहा है। यह दिन भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह का प्रतीक माना जाता है। हालांकि इस तिथि को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है, लेकिन लोग इस दिन विवाह समारोह करने से बचते हैं। इसके पीछे विशेष धार्मिक मान्यता जुड़ी है।
हालांकि भगवान राम और माता जानकी की जोड़ी को आदर्श दंपति माना जाता है, लेकिन धार्मिक मान्यता है कि उनके वैवाहिक जीवन में कई चुनौतियाँ आई थीं। 14 वर्षों का वनवास, रावण के साथ भीषण युद्ध और वनवास समाप्त होने के बाद भी माता सीता का पुनः वन में जाना इस कठिन यात्रा का हिस्सा थे। ऐसा माना जाता है कि जो दंपति इस तिथि पर विवाह करते हैं, उनके जीवन में भी वैवाहिक परेशानियाँ बढ़ सकती हैं। इसी कारण विवाह पंचमी को विवाह के शुभ मुहूर्त के रूप में नहीं माना जाता।
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यदि आप विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता जानकी की पूजा करना चाहते हैं, तो ये विधि अपनाई जा सकती है:
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इस दिन बताए गए पूजा-विधि, उपाय और मान्यताएँ धार्मिक परंपराओं पर आधारित हैं। इनका उद्देश्य केवल सामान्य जानकारी देना है। किसी भी धार्मिक निर्णय या अनुष्ठान के लिए अपने विवेक का उपयोग करें।
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