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भीलवाड़ा के कुंवाड़ा खान कच्ची बस्ती में आबकारी विभाग ने गंदगी के बीच चल रहे अवैध शराब के कारोबार का भंडाफोड़ किया। छापेमारी में 2600 लीटर वाश नष्ट किया और 56 लीटर हथकड़ शराब जब्त की। आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
जहरीली शराब पर आबकारी विभाग का छापा
Bhilwara: कुंवाड़ा खान की कच्ची बस्ती में बुधवार सुबह आबकारी विभाग ने एक ऐसी कार्रवाई की, जिसने क्षेत्र के लोगों को हैरान कर दिया। गंदगी और बदबू से घिरी इस बस्ती में अवैध शराब का कारोबार जोरों पर था। स्थानीय आबकारी विभाग ने यहां पर छापा मारते हुए 2600 लीटर शराब बनाने के कच्चे सामग्री (वाश) को नष्ट किया और 56 लीटर तैयार शराब जब्त की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस मामले ने स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि यह अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा था और प्रशासन को इसकी कोई भनक तक नहीं लगी।
इस कार्रवाई में आबकारी विभाग के अधिकारी प्रहराधिकारी धोलाराम विश्नोई, सीआई मुकेश वैष्णव, कांस्टेबल भवानी सिंह, महेंद्र सिंह, महिपाल सिंह, महावीर सिंह और महिला कांस्टेबल पूजा समेत कई अधिकारी शामिल थे। टीम ने छापेमारी के दौरान कई भट्ठियों को पकड़ा, जहां शराब तैयार हो रही थी। ये भट्ठियाँ गंदे पानी के पास स्थित थीं, और शराब बनाने का सारा कार्य गंदगी और बदबू में किया जा रहा था।
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आबकारी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अवैध शराब का यह कारोबार लंबे समय से चल रहा था, लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। यह एक खतरनाक कारोबार था, क्योंकि जहरीली शराब का उत्पादन किया जा रहा था, जो किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा साबित हो सकता था। इस शराब को पीने से लोगों की जान जोखिम में थी।
छापेमारी के दौरान शराब के कारोबार से जुड़े आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन पुलिस उनकी पहचान कर रही है और उन्हें पकड़ने के लिए कड़ी कोशिशें की जा रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि यह कार्रवाई केवल शुरुआत है और आगे भी इस तरह के अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
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अब सवाल उठता है कि स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे कैसे इस अवैध शराब का कारोबार चल रहा था? क्या स्थानीय पुलिस या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं थी? या फिर यह एक जानबूझकर अनदेखी थी? इन सभी सवालों का जवाब अब पुलिस जांच के बाद ही मिलेगा।
आबकारी विभाग ने इस कार्रवाई को बड़े पैमाने पर सफल बताया है, लेकिन साथ ही यह भी चेतावनी दी है कि भविष्य में इस तरह के अपराधों को और भी कड़ी निगरानी और त्वरित कार्रवाई के जरिए रोका जाएगा। यह छापेमारी केवल अवैध शराब के कारोबार के खिलाफ एक कदम था, लेकिन पूरी बस्ती में शराब माफियाओं की जड़ों को खत्म करने के लिए और अधिक प्रयास करने की जरूरत है।