

बिजौलिया कस्बे में स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की नई इमारत का निर्माण कार्य पिछले ढाई वर्षों से राजनीतिक खींचतान के चलते अधर में अटका हुआ है। कांग्रेस सरकार में मिली प्रशासनिक स्वीकृति के बावजूद भाजपा शासन में काम शुरू नहीं हुआ।
सरकारी स्कूल पर लगा ताला
Bhilwara: शिक्षा को लेकर सरकारें भले ही बड़े-बड़े दावे करती हों, लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। बिजौलिया कस्बे के तेजाजी चौक स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की नई इमारत का निर्माण कार्य ढाई साल बाद भी शुरू नहीं हो सका है। यह परियोजना आज राजनीति की भेंट चढ़ चुकी है और इसका खामियाजा छात्रों व उनके अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है।
दरअसल, वर्ष 2023 में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय, स्कूल की पुरानी जर्जर इमारत को गिराकर उसकी जगह एक आधुनिक और सुव्यवस्थित भवन तैयार करने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत डीएमएफटी फंड से ₹2.65 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति भी जारी की गई थी। मकसद था कि यहां महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की स्थापना की जाए, जिससे सरकारी स्तर पर भी अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा का लाभ गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को मिल सके।
सरकारी स्कूल की बर्बर हालत
जिला शिक्षा कार्यालय की जीर्ण शीर्ण समिति के निर्देशानुसार, विद्यालय की कमरा संख्या 1 से 18 तक की जर्जर इमारत को जून 2023 में गिरा दिया गया। इसके लिए बाकायदा निविदाएं निकाली गईं और एक ठेकेदार को जमींदोजी का कार्य सौंपा गया। लेकिन निर्माण कार्य की शुरुआत आज तक नहीं हो सकी।
विद्यालय के प्रधानाचार्य दिलीप सिंह का कहना है कि हमारे पास सिर्फ भवन गिराने तक के आदेश थे। निर्माण कार्य के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली।
पुराने भवन को गिराने के बाद अब वह स्थान सिर्फ एक खाली मैदान में तब्दील हो चुका है, जिसमें अब झाड़ियां और जानवर देखे जा सकते हैं। ऐसे में विद्यार्थी मजबूरी में या तो दूसरे स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं या फिर महंगी फीस चुकाकर निजी स्कूलों में पढ़ाई करवा रहे हैं।
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समाजसेवी यशवंत सिंह पुंगलिया ने इस मुद्दे पर कहा, यह सिर्फ शिक्षा का नहीं, विश्वास का मुद्दा है। सरकार ने जब इमारत गिराई थी, तो उसका पुनर्निर्माण सुनिश्चित करना भी उसकी जिम्मेदारी थी।
इस स्कूल भवन को गिराने और फिर अधूरी हालत में छोड़ देने को लेकर वर्तमान भाजपा सरकार पर सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोग और विपक्षी दल इसे राजनीतिक बदले की भावना से जोड़कर देख रहे हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गोपाल राव ने आरोप लगाया कि पूर्व विधायक विवेक धाकड़ के प्रयासों से जो स्वीकृति मिली थी, उसे वर्तमान सरकार ने जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया। इससे छात्रों और अभिभावकों के साथ अन्याय हुआ है।
वहीं वर्तमान विधायक गोपाल खंडेलवाल ने कहा है कि मैं बिजौलिया दौरे के दौरान इस विषय पर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक करूंगा और शीघ्र ही निर्माण कार्य की रूपरेखा तैयार कराई जाएगी। शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता देना हमारी प्राथमिकता है। हालांकि जनता अब केवल आश्वासन नहीं, ठोस कार्रवाई चाहती है।
नए भवन में 12 कक्षा-कक्ष, 1 विज्ञान प्रयोगशाला, कंप्यूटर रूम, पुस्तकालय, प्रधानाचार्य कक्ष, स्टाफ रूम, पेयजल और शौचालय की सुविधाएं प्रस्तावित थीं।