

सरकार ने 4 महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनका लागत 24,634 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं के तहत रेलवे नेटवर्क का विस्तार होगा और 894 किलोमीटर क्षेत्र को कवर किया जाएगा। इन परियोजनाओं से परिवहन क्षमता बढ़ेगी।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
New Delhi: केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे के नेटवर्क को और मजबूत करने के लिए 4 नई परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 24,634 करोड़ रुपये है। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इन परियोजनाओं का उद्देश्य देश के प्रमुख रेलवे कॉरिडोर को और अधिक शक्तिशाली बनाना है। इन परियोजनाओं के तहत रेलवे की लाइनों का विस्तार और मल्टी-लेन सिस्टम लागू किया जाएगा।
इन परियोजनाओं में वर्धा-भुसावल, गोंदिया-डोंगरगढ़, वडोदरा-तलाम और इटारसी-भोपाल-बीनाल के बीच रेलवे लाइनों का विस्तार किया जाएगा। यह योजनाएं महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, और छत्तीसगढ़ के 18 जिलों में फैली हुई हैं। इससे लगभग 894 किलोमीटर के नेटवर्क का विस्तार होगा, जो भारत के मौजूदा रेलवे नेटवर्क को काफी मजबूत करेगा। इसके साथ ही लगभग 3,633 गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे इन क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास होगा।
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इन परियोजनाओं के तहत रेल लाइनों की क्षमता को बढ़ाने के लिए फोर-लेन और जहां संभव हो, सिक्स-लेन बनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा, "इन रेल कॉरिडोर के माध्यम से कुल रेल यातायात का 41% हिस्सा ट्रांसपोर्ट किया जाएगा, जिससे पूरी प्रणाली में दक्षता और गति दोनों में वृद्धि होगी।"
1. वर्धा-भुसावल (महाराष्ट्र): इस परियोजना के तहत वर्धा और भुसावल के बीच तीन से चार लेन का विस्तार किया जाएगा, जिसकी कुल दूरी 314 किमी है।
2. गोंदिया-डोंगरगढ़ (महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़): गोंदिया और डोंगरगढ़ के बीच 84 किमी की रेलवे लाइन को चार लेन में बदलने की मंजूरी दी गई है।
3. वडोदरा-तलाम (गुजरात और मध्य प्रदेश): इस परियोजना के तहत 259 किमी लंबी लाइन का विस्तार किया जाएगा, जो तीन और चार लेन का होगा।
4. इटारसी-भोपाल-बीनाल (मध्य प्रदेश): इस 237 किमी लंबी रेलवे लाइन को चार लेन में बदला जाएगा, जिससे मध्य प्रदेश के महत्वपूर्ण रेलवे मार्गों की क्षमता बढ़ेगी।
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन परियोजनाओं से रेलवे नेटवर्क की क्षमता बढ़ने के साथ ही देश के लॉजिस्टिक्स सेक्टर में भी सुधार होगा। उन्होंने बताया, "जैसे-जैसे इन रेलवे परियोजनाओं को लागू किया जा रहा है, लॉजिस्टिक्स की लागत घट रही है। रेलवे न केवल परिवहन के लिए सस्ता और प्रभावी माध्यम है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है।"
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि रेलवे ने अपने इंजन और कोच उत्पादन को काफी बढ़ा दिया है। "हम हर साल 1,600 इंजन और 7,000 कोच का उत्पादन कर रहे हैं, जो यूरोप और उत्तरी अमेरिका के संयुक्त उत्पादन से भी अधिक है," उन्होंने कहा। यह वृद्धि रेलवे की क्षमता और सेवा गुणवत्ता में सुधार लाएगी, जिससे यात्री और माल परिवहन दोनों को लाभ होगा।